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राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा, ‘अगर कांग्रेस नहीं होती तो देश कैसा होता’

हमें फॉलो करें राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा, ‘अगर कांग्रेस नहीं होती तो देश कैसा होता’
, मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022 (12:59 IST)
राज्‍य सभा में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कांग्रेस को जमकर लताड़ा। उन्‍होंने देश के अब तक  के इतिहास का हवाला देते हुए कांग्रेस को इन सब के लिए जिम्‍मेदार ठहराया। उन्‍होंने अपने भाषण को पूरी तरह से कांग्रेस के इर्द-गिर्द समेट दिया।

पीएम मोदी ने कश्‍मीर में पंडि‍तों से लेकर सिखों तक। महंगाई से लेकर इमरजेंसी तक और वैक्‍सीन से लेकर दलों में परिवारवाद तक उन्‍होंने कांग्रेस को जि‍म्‍मेदार ठहराया। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस अर्बन नक्सल के चंगुल में फंसी है।

यही कारण है कि वह बार-बार बोल रही है कि हम इतिहास बदल रहे हैं। लेकिन हम बता दें कि हम इतिहास नहीं बदल रहे हैं। हम उन्हें थोड़ा पहले ले जाते हैं। इसी कारण उन्हें दिक्कत होती है, क्योंकि उनका इतिहास तय है। कुछ लोगों का इतिहास एक परिवार तक सीमित है। कुछ लोगों का मानना है कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था। इस सोच के कारण समस्याएं पैदा होती हैं।

पिछले 50 वर्षों से काम करने का मौका पाने वालों की नीतियों पर इसका प्रभाव पड़ा है। इसने विकृतियों को जन्म दिया। यह लोकतंत्र आपकी उदारता के कारण नहीं है। 1975 में लोकतंत्र का गला घोंटने वालों को इस पर नहीं बोलना चाहिए।

कांग्रेस नहीं होती तो
पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस ने होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। कांग्रेस न होती तो लोगों को सारी सुविधाएं मिलतीं। कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता। कांग्रेस ने होती तो जातिवाद न होता। कांग्रेस न होती तो आज पंडित कश्मीर में होता।

परिवारवाद पर...
कांग्रेस को निशाना बनाते हुए मोदी ने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत में लोकतंत्र, बहस सदियों से चलती आ रही है। कांग्रेस की समस्या यह है कि उन्होंने वंशवाद के अलावा कभी कुछ नहीं सूझता। भारत का लोकतंत्र परिवार आधारित पार्टियों के लिए सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है। इससे किसी भी पार्टी को सबसे बड़ा नुकसान होता है अच्छे टैलेंट का।

कोरोना वायरस पर...
जब हमने COVID पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई और केंद्र सरकार एक प्रस्तुति देने के लिए तैयार थी, तो कई दल नहीं आए। पार्टियां राष्ट्रीय स्थिति के आधार पर एक बैठक का बहिष्कार कर रही थीं। हमने समग्र स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया। पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा के साथ आधुनिक स्वास्थ्य सेवा का संयोजन किया। हल्दी के निर्यात में वृद्धि हुई है क्योंकि दुनिया ने देखा है कि कैसे भारत के पारंपरिक तरीकों ने COVID के खिलाफ हमारी लड़ाई में मदद की।

देश में महंगाई पर...
महंगाई ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। अमेरिका 40 साल में सबसे ज्यादा और ब्रिटेन 30 साल में सबसे ज्यादा महंगाई का सामना कर रहा है। ऐसे में हमने महंगाई पर काबू पाने की कोशिश की है। 2015-2020 के बीच यह दर 4-5% के बीच थी। यूपीए के दौरान डबल डिजीट में थी।

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