जम्मू। चीन और हिन्दुसतान की फौजों के बीच लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर जारी सैन्य तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अचानक लेह पहुंच सभी को चौंका दिया। उन्होंने सेना, वायुसेना और आइटीबीपी के अधिकारियों व जवानों से मुलाकात करने के अलावा वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के साथ बैठक में हालात का भी जायजा लिया। उनके साथ चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत और थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने भी थे।
हालांकि उन्होंने उस गलवान वैली से 249 किमी की दूरी से चीन को जमकर सुनाई भी, जहां पिछले दिनों खूरेंजी झड़पों में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लेह के नीमू दौरे का कोई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था।
दरअसल, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत को शुक्रवार को लेह पहुंचना था, लेकिन वीरवार को रक्षामंत्री का दौरा रद्द हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह एक विशेष विमान में सीडीएस रावत और थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ लेह पहुंचे। लेह पहुंचने के बाद वह हेलीकॉप्टर में सवार हुए और सीधे जंस्कार की पहाड़ियों के बीच स्थित नीमू पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के अधिकारियों व जवानों को संबोधित करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया।
समुद्रतल से करीब 11000 फुट की ऊंचाई पर स्थित नीमू में जवानों व अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उनकी बहादुरी, कर्तव्य, निष्ठा, राष्ट्रभक्ति और बलिदान की भावना की सराहना की। उन्होंने दुश्मन के दुस्साहस का मुहंतोड़ जवाब देने के लिए जवानों को सराहते हुए कहा कि पूरे देश को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा कि सभी सेनाओं और अर्धसैनिकबलों को सभी मूल ढांचागत सुविधाएं और अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाएंगे।
उन्होंने लद्दाख के अग्रिम इलाकों में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पुलों, सड़कों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। चीन के साथ सैन्य तनाव पैदा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला लद्दाख दौरा है।
मोदी ने अपने संबोधन में एक तरफ जवानों का उत्साह बढ़ाया, दूसरी तरफ उन्होंने चीन को जमकर सुनाया भी। मोदी ने कहा कि अब विस्तारवाद का जमाना चला गया, विकासवाद का वक्त है। चीन को चेताते हुए मोदी ने कहा कि ऐसी ताकतें मिट जाया करती हैं।