नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने आतंकवाद की भयावहता को गंभीरता से लेने की पहल बहुत पहले ही की थी। हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है और तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक इसे जड़ से उखाड़ कर फेंक नहीं दिया जाता।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर आतंक के लिए कोई धन नहीं (नो मनी फॉर टेरर) विषय पर आयोजित मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में कहा कि दशकों से विभिन्न नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की और इस वजह से देश ने हजारों कीमती जीवन खो दिए लेकिन इसके बावजूद देश ने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद का दीर्घकालिक स्वरूप विशेष रूप से गरीबों या स्थानीय अर्थव्यवस्था पर चोट करता है, चाहे वह पर्यटन हो या व्यापार। कोई भी उस क्षेत्र में जाना पसंद नहीं करता है जो खतरे में है और इसके कारण लोगों की रोजी-रोटी छिन जाती है।
उन्होंने कहा कि यह अधिक महत्वपूर्ण है कि हम आतंकवाद के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार करें।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर मौजूदा अंतरराष्ट्रीय शासन की प्रभावशीलता के साथ-साथ उभरती चुनौतियों के समाधान के लिए आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श करने के लिए किया गया है। सम्मेलन में दुनिया भर के लगभग 450 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इनमें मंत्री, बहुपक्षीय संगठनों के प्रमुख और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शामिल हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta