प्रधानमंत्री ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने महिला नीत विकास मॉडल पर काम किया है लेकिन वह अब भी महिलाओं के साथ बलात्कार और हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि हमने महिला नीत विकास मॉडल पर काम किया है। हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं फिर चाहे वह नवाचार हो, रोजगार हो या उद्यमिता।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज लाल किले से मैं अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें अपनी माताओं, बहनों और बेटियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। आम लोगों में इन कारणों से गुस्सा है। मैं उस गुस्से को महसूस कर सकता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए और अपराधियों में परिणाम के प्रति खौफ़ पैदा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वक्त की मांग है कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के लिए मिलने वाली सजाओं पर व्यापक चर्चा हो ताकि परिणामों का खौफ पैदा हो। जो लोग ऐसे पाप करते हैं उन्हें पता होना चाहिए कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। यह डर होना जरूरी है।