मोदी लहर जारी, भारतीय राजनीति में सबसे लोकप्रिय हस्ती

Webdunia
गुरुवार, 16 नवंबर 2017 (07:24 IST)
वाशिंगटन। थिंक टैंक ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ के सर्वेक्षण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति में अब भी सबसे लोकप्रिय हस्ती हैं। सर्वेक्षण में भारत में करीब 2,464 लोगों को शामिल किया गया था। 
 
इस साल 21 फरवरी से 10 मार्च के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार 88 प्रतिशत के आंकड़े के साथ मोदी को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (58 प्रतिशत) पर 30 अंकों, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (57 प्रतिशत) पर 31 अंकों जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (39 प्रतिशत) पर 49 अंकों की बढ़त मिली हुई है।
 
प्यू ने कहा कि जनता द्वारा मोदी का सकारात्मक आकलन भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ती संतुष्टि से प्रेरित है, हर दस में से आठ लोगों ने कहा कि आर्थिक दशाएं अच्छी हैं। ऐसा महसूस करने वाले लोगों में 2014 के चुनाव के ठीक पहले से 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अर्थव्यवस्था को बहुत अच्छा (30 प्रतिशत) बताने वाले वयस्कों के आंकड़े में पिछले तीन साल में तीन गुनी वृद्धि हुई है।
 
प्यू ने कहा कि कुल मिलाकर हर दस में से सात भारतीय देश में चल रही चीजों को लेकर संतुष्ट हैं। भारत की दिशा को लेकर सकरात्मक आकलन में 2014 से करीब दोगुनी वृद्धि हुई है।
 
सर्वेक्षण के अनुसार दक्षिणी राज्यों (आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना) तथा पश्चिमी राज्यों (महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़) में दस में से कम से कम नौ भारतीयों में प्रधानमंत्री को लेकर सकारात्मक रूख था। इसी तरह पूर्वोत्तर राज्यों (बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल) तथा उत्तरी राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) में हर दस में से आठ से ज्यादा लोगों का ऐसा ही रूख था।
 
सर्वेक्षण के अनुसार, '2015 के बाद से मोदी की लोकप्रियता उत्तर में अपेक्षाकृत रूप से वैसी ही है, पश्चिम एवं दक्षिण में बढ़ गई है और पूर्व में थोड़ी कम हुई है।'
 
वहीं अमेरिका को लेकर सकारात्मक रूख रखने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आई है। 2015 में यह संख्या 70 प्रतिशत थी जो 2017 में घटकर केवल 49 प्रतिशत रह गई। केवल 40 प्रतिशत लोगों ने वैश्विक मामलों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सही काम करने का भरोसा जताया जबकि 2015 में उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा को लेकर 74 प्रतिशत भारतीयों ने ऐसी राय दी थी।
 
चीन को लेकर भी ऐसा ही रहा। 2015 में चीन के प्रति सकारात्मक राय रखने वाले भारतीयों का आंकड़ा 41 प्रतिशत था जो 2017 में घटकर 26 प्रतिशत हो गया। सर्वेक्षण डोकलाम में हुए टकराव से पहले किया गया था। सर्वेक्षण के अनुसार समय समय पर हुई धार्मिक हिंसा के बावजूद अपेक्षाकृत रूप से बहुत कम भारतीय सांप्रदायिक तनाव को बड़ा मुद्दा नहीं मानते।
 
इसमें कहा गया, 'इसी तरह पिछले साल नवंबर में उच्च मूल्य वाले बैंक नोट को चलन से बाहर करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के बावजूद आधी से भी कम भारतीय आबादी नकदी की उपलब्धता की कमी को एक बड़ा समस्या मानती है।' (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

सिर्फ कड़े कानून से न्यायपूर्ण समाज नहीं बनता, CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्‍यों कहा ऐसा...

वंदे भारत को हरी झंडी दिखाने की होड़, ट्रेन के आगे पटरी पर गिरीं BJP विधायक, वीडियो वायरल

Mini Moon की क्या है Mystery, 2 चंद्रमाओं पर क्यों है दुनियाभर की नजरें, क्या भारत में दिखाई देगा

हत्या की नाकाम कोशिश के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- कभी नहीं झुकूंगा, अमेरिकावासियों के लिए लड़ना जारी रखूंगा

क्या फाइनल हो गया दिल्ली के नए CM का नाम, AAP विधायकों की बैठक में हो सकता है ऐलान

सभी देखें

नवीनतम

Atishi Marlena: भोपाल के बैरसिया में खेती भी कर चुकी हैं आतिशी मर्लेना

मनोज जरांगे ने फिर भरी हुंकार, शुरू किया मराठा आरक्षण के लिए अनिश्चितकालीन अनशन

Triumph Speed T4 : Royal Enfield और KTM से टक्कर देने आई सबसे सस्ती ट्रायम्फ बाइक

विश्वकर्मा जयंती पर छग के आवासहीन परिवारों के लिए पीएम मोदी ने किया 2044 करोड़ का ऑनलाइन अंतरण

पत्नी की हत्या के बाद पुलिस को फोन कर बोला- हैलो पुलिस साहब, मैंने हत्या कर दी

अगला लेख
More