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'दल और व्यक्ति की मुखालफत को देश के विरोध में न बदलें' : PM मोदी ने विपक्षी दलों पर साधा निशाना

हमें फॉलो करें 'दल और व्यक्ति की मुखालफत को देश के विरोध में न बदलें' : PM मोदी ने विपक्षी दलों पर साधा निशाना
, सोमवार, 25 जुलाई 2022 (22:54 IST)
कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर विकास कार्यों में अड़ंगा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि हर राजनीतिक दल का दायित्व है कि वह किसी पार्टी और व्यक्ति के विरोध को देश के विरोध में न बदलें। प्रधानमंत्री समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य हरमोहनसिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर कानपुर में आयोजित गोष्ठी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित कर रहे थे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के समय में विचारधारा या राजनीतिक स्वार्थ को समाज और देश के हित से भी ऊपर रखने का चलन शुरू हो गया है। राजनीतिक जानकार सपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य के पुण्यतिथि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को यादव वोटबैंक में सेंध लगाने की भाजपा की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं।
 
विपक्षी दल कई बार तो सरकार के कामकाज में सिर्फ इसलिए अड़ंगा डालते हैं, क्योंकि जब वे सत्ता में थे, तब अपने द्वारा लिए गए फैसलों को लागू नहीं कर पाए। अब अगर इन फैसलों का क्रियान्वयन होता है तो वे उसका विरोध करते हैं। देश के लोग इसे पसंद नहीं करते। 
 
मोदी ने कहा कि यह हर राजनीतिक दल का दायित्व है कि वह किसी पार्टी और व्यक्ति के विरोध को देश की मुखालफत में न बदले। विचारधाराओं का अपना स्थान है और होना भी चाहिए। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी हो सकती हैं, लेकिन देश सबसे पहले है।
 
उन्होंने कहा कि लोहिया जी का मानना था कि समाजवाद समानता का सिद्धांत है। वह सतर्क करते थे कि समाजवाद का पतन उसे असमानता में बदल सकता है। हमने भारत में इन दोनों परिस्थितियों को देखा है।
 
मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि भारत के मूल विचारों में समाज वाद-विवाद का विषय नहीं है। हमारे लिए समाज हमारी सामूहिकता और सहकारिता की संरचना है। समाज हमारा संस्कार है, संस्कृति है, स्वभाव है। इसलिए लोहिया जी भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य की बात कहते थे। उन्होंने रामायण मेला शुरू कर हमारी विरासत और भावनात्मक एकता के लिए जमीन तैयार की थी।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हरमोहन सिंह यादव लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहे और उन्होंने विधान परिषद सदस्य, विधायक, राज्यसभा सदस्य और अखिल भारतीय यादव महासभा के अध्यक्ष के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य किया। हरमोहन सिंह यादव के चौधरी चरण सिंह और राम मनोहर लोहिया के साथ घनिष्ठ संबंध थे।
 
उन्होंने कहा कि हरमोहन सिंह यादव ने अपने बेटे एवं विधान परिषद के पूर्व सभापति सुखराम सिंह के साथ कानपुर और उसके आसपास कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
 
मोदी ने कहा कि वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान कई सिखों के जीवन की रक्षा करने में वीरता के प्रदर्शन के लिए हरमोहन सिंह यादव को 1991 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।

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