नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकतर वैश्विक चुनौतियों के लिए ग्लोबल साउथ जिम्मेदार नहीं है, लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव उस पर ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि दुनिया संकट की स्थिति में है। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अस्थिरता की स्थिति कब तक बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि हम नए वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं, पिछला वर्ष युद्ध, संघर्ष, आतंकवाद और तनाव से भरा हुआ था। सम्मेलन में उन्होंने ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन पर भी चिंता जतायी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अधिकतर वैश्विक चुनौतियों के लिए ग्लोबल साउथ जिम्मेदार नहीं है, लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव हम पर ही पड़ता है। हमारा (ग्लोबल साउथ) भविष्य सबसे अधिक दांव पर लगा है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा अपने विकास संबंधी अनुभव को ग्लोबल साउथ के अपने भाइयों के साथ साझा किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस वर्ष जी20 की अध्यक्षता कर रहा है, स्वाभाविक है कि हमारा उद्देश्य ग्लोबल साउथ की आवाज बुलंद करना होगा। उन्होंने कहा कि आपकी आवाज भारत की आवाज है। आपकी प्राथमिकता भारत की प्राथमिकता है।