नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कारोबार सुगमता में सुधार लाने, एनसीएलटी पर मुकदमों का बोझ घटाने, नियमों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों के लिए कड़ी कार्रवाई निर्धारित करने के लिए अध्यादेश फिर से जारी करने को गुरुवार को मंजूरी दी।
पहले के अध्यादेश के स्थान पर एक विधेयक शीतकालीन सत्र में लोकसभा से पारित हो गया था और अब वह राज्यसभा में लंबित है।
यह अध्यादेश विशेष अदालतों और राष्ट्रीय कंपनी विधिक न्यायाधिकरण को छोटे -मोटे मुकदमों के बोझ से निजात दिलाने के लिए लाया गया है। इससे कारोबार सुगमता में सुधार होगा।
इस बीच केंद्रीय कैबिनेट ने एक बार में तीन तलाक को अपराध घोषित किए जाने से संबंधित अध्यादेश को फिर से जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी।