मुंबई। केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले पेट्रोल-डीजल पर डेढ़ रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला लिया। तेल कंपनियां ने भी एक रुपए रेट कम किया। इस तरह पेट्रोल-डीजल 2.5 रुपए सस्ता हो जाएगा। वित्तमंत्री की अपील पर 12 राज्यों ने इस पर वैट 2.5 रुपए तक कम कर दिया इससे उपभोक्ताओं को तत्काल 5 रुपए तक की राहत मिल गई।
विशेषज्ञों ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की उच्च कीमतों से राज्यों के राजस्व में अप्रत्याशित तेजी आई है। इस लिहाज से उनके पास केंद्र के कीमतों में कटौती के सुझाव का पालन करने पर राजस्व पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के कीमतों में कटौती के कदम का तेल विपणन कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
एसबीआई रिसर्च ने एक नोट में कहा कि राज्य अपने राजस्व को प्रभावित किए बिना पेट्रोल पर 4.60 रुपए और डीजल पर 3.30 रुपए प्रति लीटर तक कटौती कर सकते हैं।
उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र ने डीजल-पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपए की कमी की है और पेट्रोलियम का खुदरा काम करने वाली सरकारी कंपनियों को इन ईंधनों का भाव एक-एक रुपए प्रति लीटर कम करने और उसका बोझ खुद वहन करने के लिए कहा गया है। इसके बाद कई भाजपा शासित राज्यों ने भी वैट में कमी करके ईंधन के खुदरा मूल्य में और कमी की है।
एसबीआई रिसर्च ने कहा कि ईंधन की उच्च कीमतों के चलते राज्यों को 13,000 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा कि केंद्र द्वारा कीमतों में कटौती से मुख्य मुद्रास्फीति से 0.09 प्रतिशत की कमी आएगी। जबकि राज्य सरकारों द्वारा इसी तरह का कदम उठाने से इसमें 0.16 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है।