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लोकसभा-राज्यसभा से कुल 92 सांसद निलंबित, जानें किन लोगों पर गिरी गाज, किस पार्टी को ज्यादा नुकसान

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नई दिल्ली , सोमवार, 18 दिसंबर 2023 (20:12 IST)
parliament security breach : संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर चर्चा कराने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। इसके चलते एक अभूतपूर्व कदम के तहत दोनों सदनों के कुल 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इस सत्र में दोनों सदनों में अब तक कुल 92 सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है। 
 
राज्यसभा में हंगामे को लेकर सभापति जगदीप धनखड ने आज विपक्षी दलों के 34 सदस्यों का नाम लिया। आसन द्वारा सदस्यों का नाम (नेम करना) लिया जाता है तो इसे उन सदस्यों को निलंबित करने की प्रक्रिया की शुरुआत माना जाता है। इसके बाद नेता सदन पीयूष गोयल ने 34 सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। 
 
कौनसे हुए निलंबित : इन सदस्यों में प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याज्ञिक, नारणभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, फूलो देवी नेताम, शक्तिसिंह गोहिल, के.सी. वेणुगोपाल, रजनी पाटिल, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सिंह सुरजेवाला (सभी कांग्रेस) शामिल हैं। 
 
इनके अलावा सुखेन्दु शेखर रे, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांतनु सेन, मौसम नूर, प्रकाश चिक बड़ाइक, समीरुल इस्लाम (सभी तृणमूल कांग्रेस), एम. शनमुगम, एन.आर. एलानगो, कनिमोझी एनवीएन सोमू और आर गिरिराजन (द्रमुक) भी निलंबित किए गए हैं।
 
 
निलंबित किए गए सदस्यों में मनोज कुमार झा और फैयाज अहमद (राजद), वी. शिवदासन (माकपा), रामनाथ ठाकुर एवं अनिल प्रसाद हेगड़े (जद यू), वंदना चव्हाण (राकांपा), रामगोपाल यादव, जावेद अली खान (सपा), महुआ माजी (झामुमो), जोस के. मणि एवं अजीत कुमार भुइयां शामिल हैं। इन सदस्यों को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है। 
 
इसके साथ ही 11 अन्य सदस्यों को भी निलंबित किया गया है। उन्हें विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया। समिति से कहा गया है कि वह इन 11 सदस्यों के आचरण के संबंध में अपनी रिपोर्ट तीन महीने के अंदर पेश करेगी। 
 
इन 11 सदस्यों में जेबी माथेर हिशाम, एल. हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी.सी. चन्द्रशेखर, बिनय विश्वम, संतोष कुमार पी, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, जॉन ब्रिटास और ए.ए. रहीम शामिल हैं।
इस तरह सोमवार को उच्च सदन से कुल 45 सदस्यों को निलंबित किया गया। 
 
इससे पहले लोकसभा में सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों के 30 सदस्यों को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए तथा तीन सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया गया। 
 
पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने आसन की अवमानना को लेकर एवं कार्यवाही बाधित करने के लिए तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नौ-नौ, कांग्रेस के सात, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के दो तथा रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, वीरुथलई चिरुथैगल काची (वीसीके) और जनता दल (यूनाइटेड) के एक-एक सदस्य का नाम लिया। 
 
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उक्त सभी सदस्यों को नियम 374 (दो) के तहत संसद के शेष सत्र के लिए सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदस्यों ने ध्वनि मत से पारित कर दिया। 
 
कांग्रेस के सात सदस्यों- अधीर रंजन चौधरी, एंटो एंटोनी, के मुरलीधरन, के सुरेश, अमर सिंह, राजा मोहन उन्नीथन और गौरव गोगोई को शेष सत्र के लिए निलंबित किया गया है। 
 
टीएमसी के निलंबित सदस्यों में कल्याण बनर्जी, अपरुपा पोद्दार, प्रसून्न बनर्जी, सौगत राय, शताब्दी राय, असित कुमार मंडल, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष दस्तीदार और सुनील कुमार मंडल शामिल हैं। 
 
द्रमुक के जिन नौ लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें टी आर बालू, ए. राजा, दयानिधि मारन, जी सेल्वम, सीएन अन्नादुरई, डॉ. टी सुमति, के वीरासामी, एस एस पल्ली मणिक्कम और रामलिंगम शामिल हैं। 
 
लोकसभा ने आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर और के नवासिकानी को निलंबित किया है, जबकि आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, जदयू के कौशलेन्द्र कुमार और वीसीके तिरुवक्कससर भी निलंबित सदस्यों में शामिल हैं। 
 
 
जोशी के प्रस्ताव पर कांग्रेस के तीन अन्य लोकसभा सदस्यों के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया गया।
 
संसद में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर आसन की अवमानना को लेकर और कार्यवाही बाधित करने के लिए गत 14 दिसम्बर को लोकसभा के 13 सदस्यों को और राज्यसभा के एक सदस्य को संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। 
 
63 सासंद हुए थे निलंबित : ‘पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च’ के अनुसार संसदीय इतिहास में लोकसभा में सबसे अधिक सदस्यों का निलंबन 1989 में हुआ था जब सांसद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर एम पी ठक्कर आयोग की रिपोर्ट को संसद में रखे जाने पर हंगामा कर रहे थे। तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष ने 63 सदस्यों को निलंबित कर दिया था।  एजेंसियां

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