जम्मू। पिछले 2 महीनों के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय व प्रवासी नागरिकों की ताबड़तोड़ हत्याओं ने श्रीनगर समेत कई शहरों का नक्शा ही बदल दिया है, क्योंकि सुरक्षा प्रदान करने के नाम पर बीसियों सुरक्षा बंकर प्रत्येक शहर में स्थापित कर दिए गए हैं। पर अब सुरक्षाबलों द्वारा मैरिज हालों पर 'कब्जे' को लेकर रोष के साथ-साथ दहशत का माहौल है।
अधिकारी कहते थे कि बढ़ते आतंकी खतरे के बीच अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती हुई तो उनके ठहरने के इंतजाम का यक्ष प्रश्न भी सामने आ खड़ा हुआ है। इसलिए नागरिक प्रशासन ने उनके निवेदन पर श्रीनगर समेत कई अन्य शहरों में मैरिज हालों में सुरक्षाबलों के रहने की व्यवस्था आरंभ की है।
पहले यह व्यवस्था स्कूलों में हुआ करती थी। पर अब जबकि अगले महीने से जम्मू-कश्मीर प्रशासन सभी स्कूलों को खोलने की योजना तैयार किए हुए है, जिस कारण स्कूलों में सुरक्षाकर्मियों के रहने की व्यवस्था नहीं हो पाई है। नतीजतन मैरिज हाल ही प्रशासन की प्राथमिकता तो बन गए पर इस फैसले को लेकर नागरिकों में जबरदस्त रोष है।
रोष के कई कारण हैं। श्रीनगर और अनंतनाग समेत कई शहरों के कई मैरिज हालों पर सुरक्षाबलों का कब्जा हो जाने के परिएणामस्वरूप लोगों को शादियों को भी रद्द कर देना पड़ा है। वे इन मैरिज हालों में सुरक्षाबलों की मौजूदगी और बनाए गए बंकरों के बीच शादी जैसा समारोह आयोजित करने को राजी नहीं थे।
यही नहीं कई मैरिज हाल घनी आबादी वाले मुहल्लों में होने के कारण लोगों को आशंका है कि आतंकी इनमें ठहरने वाले सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के इरादों से हमले बोल सकते हैं और इन हमलों का निशाना आम नागरिक ही होंगे।
याद रहे कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा बनाए जाने वाले बंकरों पर जितने भी हमले आज तक हुए हैं उनमें से 90 फीसदी से अधिक में नागरिकों को ही क्षति उठानी पड़ी है, जबकि ये बंकर आतंकियों के हथगोलों के हमलों के सबसे नर्म लक्ष्य माने जाते रहे हैं और अब नए इलाकों में नए बंकरों के निर्माण तथा शहरों में मैरिज हालों पर सुरक्षाबलों के कब्जे ने आम नागरिकों की चिंता को बढ़ा दिया है।