Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

सोशल मीडिया के जरिए सीमावर्ती इलाकों में जहर फैला रहा है पाकिस्तान

हमें फॉलो करें सोशल मीडिया के जरिए सीमावर्ती इलाकों में जहर फैला रहा है पाकिस्तान
बीकानेर , मंगलवार, 20 मार्च 2018 (14:13 IST)
बीकानेर। सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के भड़काने के मामले में खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं।  पाकिस्तान से संचालित हो रहे इन वाट्सअप ग्रुपों की जानकारी मिलने पर खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गईं हैं और एजेंसियों के अधिकारी इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए सूरतगढ़ छावनी के नजदीक निरवाणा और सादकवाली जोहड़ी गांवों में पहुंचे।

इन गांवों के कई युवा इन ग्रुपों में जोड़े गए हैं। खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान के वे नंबर मिल गए हैं, जिनसे ये ग्रुप संचालित किए जा रहे हैं। इन नंबरों का तकनीकी विश्लेषण करके पता लगाया जा रहा है कि ये कहां से संचालित हो रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि चार-पांच वर्ष पहले फेसबुक के जरिए यहां के लोगों को अपने जाल में फंसाने की चेष्टा करते थे। इन मामलों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने से स्थानीय खुफिया सूत्र इंकार नहीं कर रहे। कुछ दिनों से गंगानगर जिले के सूरतगढ़ छावनी के आसपास के लोगों को पाकिस्तान के लोग व्हाट्‍सएप ग्रुप में जोड़ रहे हैं।

इन ग्रुप में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार और भड़काऊ सामग्री पोस्ट की जा रही है। इनमें लंबे उत्तेजनात्मक भाषणों के वीडियो भी पोस्ट किए जा रहे हैं। इन ग्रुपों में पाकिस्तानी युवा वायस मैसेज के जरिए भारतीयों को गालियां देते हैं। एक-एक ग्रुप में रोजाना 500 से ज्यादा वॉइस मैसेज पोस्ट किए जा रहे हैं। हालांकि इन ग्रुप में शामिल किए गए भारतीय युवा ग्रुप छोड़ देते हैं, लेकिन उन्हें बार-बार शामिल कर लिया जाता है।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे इन वाट्सअप ग्रुप के नाम उमर साहब, डब्ल्यूडब्ल्यूएसएस और एल अक्षर हैं। सबसे ज्यादा भडक़ाऊ और दुष्प्रचार की पोस्टें इसी 'एल' ग्रुप में आ रही हैं। इसमें वीडियो के जरिए बर्मा के रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचारों के संबंध में आपत्तिजनक बातें कहीं गई हैं। इन ग्रुपों में शामिल किए गए सूरतगढ़ छावनी के आसपास के युवाओं ने बताया कि वे तुरंत ग्रुप छोड़ देते हैं, लेकिन थोड़ी ही देर बाद उन्हें फिर जोड़ लिया जाता है।

उनके मोबाइल नंबर पाकिस्तान तक कैसे पहुंचे, इससे वे अनभिज्ञ हैं। इस संबंध में गंगानगर की खुफिया शाखा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीक्षा कामरा ने बताया कि पुलिस की इस पूरे मामले पर नजर है। उन्होंने लोगों को सतर्क करते हुए हिदायत दी कि ऐसे किसी ऐसे ग्रुप में शामिल नहीं हो, जिसके एडमिन के मोबाइल नम्बर की शुरूआत +92 से होती हो। इस तरह के कुछ ग्रुपों का पता चला है और उनके मोबाइल नंबरों की जानकारी मिली है। इन नंबरों का तकनीकी विश्लेषण उच्च स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को इस तरह के ग्रुपों में बार-बार जोड़ा जाता है तो इसकी जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में दी जाए। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इराक में भारतीयों की मौत, क्यों झूठी लगती है हरजीत मसीह की कहानी...