Wayanad Landslide News update : केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 167 हो गई है। घायलों की संख्या 200 तक पहुंच गई है। 191 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। बारिश से अभियान में परेशानी आ रही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन कहा कि वायनाड में बचाव अभियान जारी है। हमने अपनी धरती पर पहले कभी ऐसे भयानक दृश्य नहीं देखे हैं।
तिरुवंनतपुरम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजयन ने कहा था कि वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों से 144 शव बरामद किए गए हैं। मृतकों में 79 पुरुष और 64 महिलाएं शामिल हैं। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री विजयन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आपदा में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।
बचाने के प्रयास जारी : विजयन ने कहा कि जिले के मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में दृश्य भयानक हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों इलाके पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा क्षेत्र से अधिक से अधिक लोगों को बचाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2 दिन के बचाव अभियान में 1,592 लोगों को बचाया गया। समन्वित और व्यापक प्रयासों के तहत इतने कम समय में अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सका है।
उन्होंने बताया कि पहले चरण में आपदा के निकटवर्ती क्षेत्रों के 68 परिवारों के 206 लोगों को तीन शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि इनमें 528 पुरुष, 559 महिलाएं और 299 बच्चे शामिल हैं, जिन्हें सात राहत शिविरों में ले जाया गया है। इसके अलावा 201 लोगों को बचाकर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 90 का अभी इलाज जारी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बच्चों और गर्भवती महिलाओं समेत 8,017 लोगों को जिले में 82 शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि मेप्पडी में आठ शिविर हैं, जहां 421 परिवारों के 1,486 लोग फिलहाल रह रहे हैं।
सेना और एनडीआरएफ बचाव में जुटे : इस बीच थलसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार क्षेत्र में तैनात सेना की टुकड़ियों ने मंगलवार रात तक प्रभावित क्षेत्रों से लगभग एक हजार लोगों को बचाया। इसके अलावा, वायु सेना तलाशी और बचाव कार्यों में समन्वय के लिए प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रही है।
सेना के जवान, एनडीआरएफ, राज्य आपात सेवा के जवान और स्थानीय लोग समेत बचावकर्मी, कई इलाकों में बारिश जारी रहने के बावजूद, इस कठिन अभियान को अंजाम देने के लिए सभी बाधाओं से जूझ रहे हैं।
भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को जान बचाने का मौका तक नहीं मिल सका। बुधवार सुबह भूस्खलन से तबाह मुंडक्कई गांव में बचाव अभियान फिर से शुरू होने पर जमींदोज हुए मकानों के अंदर बैठे और लेटी हुई अवस्था में शवों के भयावह दृश्य देखने को मिले।
रस्सी के पुल से बचाव : कुछ स्थानों पर बचावकर्मियों ने लोगों को सुरक्षित ढंग से निकालने के लिए रस्सियों का उपयोग करके पुल बनाए। जोखिम भरे इलाकों में लोगों को लकड़ी के 'प्लेटफार्म पर बैठाकर उफान पर आई नदी के पार पहुंचाया गया। केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने बचाव प्रयासों के लिए राज्य को हरसंभव सहायता देने का वादा किया है। कुरियन ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों से मुलाकात की।
गृह मंत्रालय की भी नजर : बुधवार को यहां एक प्रेस विज्ञप्ति में कुरियन के हवाले से कहा गया है, केंद्र सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। प्रधानमंत्री स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उन्होंने मुझे प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा, गृह मंत्रालय के दोनों नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राज्य को हरसंभव सहायता मुहैया करा रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि सेना वायनाड के चूरलमाला में बचाव कार्यों के लिए एक बेली पुल का निर्माण करेगी।
केरल सरकार ने वायनाड में आपदाग्रस्त इलाकों से बचाए लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराने के लिए चूरलमाला में नियंत्रण कक्ष में ऑक्सीजन से लैस एम्बुलेंस के साथ एक चिकित्सा केंद्र बनाने का फैसला किया है। वायनाड में मंगलवार तड़के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में मूसलाधार बारिश के बाद बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाएं हुई थीं। इनपुट भाषा