नई दिल्ली। पेट्रोल, डीजल और घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) के साथ-साथ आम उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में हुई वृद्धि के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा में भारी हंगामा किया जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही आरंभ होने के 10 मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शहीद दिवस का उल्लेख किया और भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सहित स्वतंत्रता आंदोलन में कुर्बानी देने वाले तमाम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीदों के सम्मान में सदस्यों ने कुछ देर मौन भी रखा।
सभापति ने इसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और बताया कि पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, खाद्य तेलों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और शक्ति सिंह गोहिल सहित कुछ अन्य सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं।
सारे नोटिस को अस्वीकार करते हुए उन्होंने विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा कि अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान वह इस मुद्दे को उठा सकते हैं। इस पर विरोध जताते हुए, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी दलों सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।
नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि 24 सदस्यों को शून्य काल के तहत मुद्दे उठाने की अनुमति मिली है, ऐसे में हंगामा करने से उनके अधिकारों का हनन होगा। लेकिन विपक्षी दलों के सदस्यों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी।
सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों को पोस्टर व तख्तियां नहीं दिखाने को कहा। उन्होंने आगाह किया कि पोस्टर दिखाने वाले सदस्यों के नाम बुलेटिन में शामिल किए जाएंगे। इसके बाद भी हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
ज्ञात हो कि मंगलवार को भी विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया था। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही 2 बार स्थगित करनी पड़ी थी और शून्यकाल तथा प्रश्नकाल नहीं हो सका था। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार दूसरे दिन बुधवार को 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।