Case of security lapse in Parliament : राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष ने लोकसभा में सुरक्षा चूक की घटना को लेकर हंगामा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से एक बयान देने और सदन की कार्यवाही को स्थगित करने की मांग की।
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और केन के जरिए धुआं फैला दिया। दोनों को तत्काल पकड़ लिया गया। भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को लोकसभा में सुरक्षा चूक के बारे में सूचित किया क्योंकि कुछ सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया।
धनखड़ ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि लोकसभा में घुसपैठियों को तुरंत पकड़ लिया गया और संसदीय सुरक्षा सेवा मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि आज सदन की कार्यवाही समाप्त होने से पहले सदस्यों को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी।
सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सुरक्षा में चूक का मुद्दा उठाते हुए इसे बहुत गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वालों को श्रद्धांजलि देने में विपक्षी सदस्य भी शामिल थे। उन्होंने कहा, हम देश की एकता और सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं। हमारे लोगों ने जो बलिदान दिया है, उसकी तुलना में आपने (सत्ता पक्ष ने) कुछ नहीं किया...।
इसी दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी जिस पर धनखड़ ने उन्हें मना किया और कहा कि सदन नारे लगाने की जगह नहीं है। सभापति ने कहा, हमें हर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यह सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा इस समय अच्छे माहौल में काम कर रही है।
खरगे ने कहा, आपने सदन को चलने दिया लेकिन यह गंभीर समस्या है। यह सिर्फ लोकसभा या राज्यसभा का सवाल नहीं है। सवाल है कि इतनी बड़ी सुरक्षा के बीच दो लोग कैसे घुसने में कामयाब रहे। धनखड़ ने कहा कि उन्हें जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली उन्होंने निदेशक (सुरक्षा) को अपडेट देने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि वह जानकारी सदन के साथ साझा किया गया है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है लेकिन हमें पूर्ण विवरण की प्रतीक्षा करनी चाहिए। इस दौरान, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा पेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा जारी रही और धनखड़ ने सदस्यों से सदन को चलने देने का अनुरोध किया।
नारेबाजी के बीच सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष को मामले का राजनीतिकरण करने के बजाय देश को एक संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा, राज्यसभा वरिष्ठों का सदन है। हमें यह संदेश देना चाहिए कि देश इन सबसे ऊपर है। हमें सदन को चलने देना चाहिए। कांग्रेस इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है जो देश के लिए अच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा, मैं विपक्ष के नेता से अनुरोध करता हूं। जांच हो रही है। हमें उसके निष्कर्षों की प्रतीक्षा करनी चाहिए और सदन को सुचारू रूप से चलने देना चाहिए। सदन को स्थगित करने और शाह के बयान की मांग पूरी नहीं होने पर विपक्ष के कुछ सदस्य विरोध स्वरूप सदन से बाहर चले गए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour