नई दिल्ली। विदेशों में रह रहे 24,000 से कुछ अधिक संख्या में भारतीयों ने खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत करा लिया है। ये लोग भारत में मतदान करने के हकदार हैं।
निर्वाचन आयोग ने विदेश में रह रहे ऐसे और भारतीय नागरिकों को यहां मतदाता बनने हेतु प्रेरित करने के लिए एक पोर्टल शुरू किया है, जहां वे ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। पोर्टल में प्रक्रिया को समझने में लोगों की मदद करने के लिए बार-बार पूछे जाने वाले सवालों की लंबी फेहरिस्त भी दी गई है।
अभी इस बात का कोई अनुमान नहीं है कि विदेशों में रह रहे कितने भारतीय यहां वोट डालने के हकदार हैं। अभी तक केवल 24,348 प्रवासी भारतीयों ने ही निर्वाचन आयोग के साथ पंजीकरण कराया है।
आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 23,556 मतदाता केरल, 364 मतदाता पंजाब और 14 गुजरात के हैं। ‘प्रवासी भारतीय मतदाता’ पोर्टल के अनुसार प्रवासी मतदाता वे व्यक्ति हैं, जो भारत का नागरिक है और जिसके पास किसी दूसरे देश की नागरिकता नहीं है।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट ईसीआई डॉट एनआईसी डॉट इन (eci.nic.in.) पर जाकर इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा सकता है। ऐसे लोग भारत में उस निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकेंगे जिसके दायरे में उनके आवास का पता आता है, जो उनके भारतीय पासपोर्ट में लिखा है और जिस पर वीजा की पुष्टि की गई होगी।
एक बार मतदाता के रूप में नाम पंजीकृत होने के बाद प्रवासी भारतीय को संबद्ध निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव अधिकारी डाक के जरिए उसके यहां के पते अथवा विदेश में उसके पते पर सूचित करेंगे। पोर्टल में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रवासी मतदाताओं को तस्वीर वाला चुनाव पहचान पत्र नहीं दिया जाएगा, क्योंकि उन्हें खुद निर्वाचन क्षेत्र में जाकर और अपना मूल पासपोर्ट दिखाकर मतदान करने की अनुमति होगी।
आंकड़े दिखाते हैं कि केवल 10,000 से 12,000 प्रवासी भारतीयों ने ही मतदान किया, क्योंकि वे भारत आने और अपना वोट देने के लिए विदेशी मुद्रा खर्च नहीं करना चाहतेलेकिन अब चीजें बदल सकती है, क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 अगस्त को चुनाव संबंधी कानूनों में बदलाव कर प्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग करने का अधिकार देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
अब तक सशस्त्र सेनाओं में काम कर रहे लोगों को प्रॉक्सी वोटिंग की अनुमति होती है। प्रवासी मतदाताओं के लिए नए प्रावधानों से संबंधित विधेयक को संसद के मानसून सत्र में पेश नहीं किया जा सका। मानसून सत्र का समापन शुक्रवार को हो गया था। (भाषा)