Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मोदी ने कहा, वह 'दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी' मिटाना चाहते हैं : उमर अब्दुल्ला

हमें फॉलो करें मोदी ने कहा, वह 'दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी' मिटाना चाहते हैं : उमर अब्दुल्ला
, शुक्रवार, 25 जून 2021 (00:22 IST)
नई दिल्ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए गुरुवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के बाद कहा कि प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं के समूह से कहा कि वह दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी को मिटाना चाहते हैं।

अब्दुल्ला ने बैठक के कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों ने आश्वासन दिया कि वे जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह बैठक केंद्र द्वारा तत्कालीन राज्य के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के लगभग दो साल बाद आहूत की की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, बैठक का निष्कर्ष यह था कि प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ‘दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी’ को हटाना चाहते हैं, लेकिन मुझे और साथ ही अन्य नेताओं को यकीन है कि इसके लिए एक बैठक पर्याप्त नहीं है। हालांकि एक प्रक्रिया शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व परिसीमन आयोग द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव कराना चाहता था, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री से चुनाव कराने से पहले पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर में विश्वास के पुनर्निर्माण की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच विश्वास की कमी को केंद्र द्वारा तुरंत दूर करने की जरूरत है और इसके लिए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया आवश्यक है।

उमर अब्दुल्ला ने परिसीमन आयोग पर कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को बताया गया कि यह कवायद अपने आप में उस उद्देश्य को विफल कर रही है जिसके साथ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को विशेष दर्जा समाप्त किया था।

उन्होंने कहा, एक तरफ केंद्रीय नेतृत्व ने दावा किया था कि अगस्त 2019 का निर्णय जम्मू कश्मीर का भारत संघ के साथ पूर्ण विलय के लिए लिया गया था और दूसरी ओर उसी जम्मू कश्मीर के साथ असम और हमारे लिए अलग-अलग परिसीमन आयोग लाकर अलग व्यवहार किया जाता है।

उन्होंने कहा, अगर असम के लिए परिसीमन आयोग पर रोक लगाई जा सकती है और वहां विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, तो जम्मू-कश्मीर के लिए क्यों नहीं। क्या यह केंद्रीय नेतृत्व के उद्देश्य को असफल नहीं कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व का भी विचार है कि सरकार नौकरशाहों द्वारा नहीं चलाई जा सकती है और एक राजनीतिक सरकार को कार्यभार संभालने की जरूरत है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, हमारी पार्टी के अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि जब भी (परिसीमन) आयोग की बैठक का निमंत्रण आएगा, हम इस पर विचार करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने बैठक में अपनी पार्टी की ओर से विभिन्न बिंदु रखे, जिसमें पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना और उसके बाद चुनाव कराना शामिल है।
ALSO READ: Ladakh Standoff : भारत की चीन को दो टूक- ड्रैगन का सैनिकों को इकट्ठा करना पूर्वी लद्दाख गतिरोध के लिए जिम्मेदार
आजाद ने कहा, मैंने कश्मीरी पंडितों के लिए पुनर्वास प्रक्रिया, राजनीतिक बंदियों की रिहाई और अधिवास नियमों की भी मांग की है, जिसके तहत केंद्र जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए नौकरियों की गारंटी दे। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बैठक अच्छी रही और उन्होंने पाकिस्तान के साथ अनौपचारिक वार्ता शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की, जिसके कारण नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम समझौता हुआ और घुसपैठ के स्तर में कमी आई।
ALSO READ: PM मोदी के साथ बैठक : महबूबा मुफ्ती ने अलापा पाकिस्तान से बातचीत का राग
उन्होंने कहा, मैंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक बार फिर पाकिस्तान से बात कर सकते हैं। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने पर महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी इसकी बहाली के लिए लड़ाई जारी रखेगी।

उन्होंने कहा, आखिरकार हमें विशेष दर्जा पाकिस्तान द्वारा नहीं दिया गया है। यह हमें दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और सरदार (वल्लभभाई) पटेल द्वारा दिया गया था। हम विशेष दर्जे की बहाली के लिए कानूनी और संवैधानिक माध्यमों से लड़ना जारी रखेंगे।
ALSO READ: RIL का बड़ा ऐलान, 3 साल में 10 लाख रोजगार पैदा करेगी रिलायंस, रिटेल कारोबार 3 गुना बढ़ेगा
उन्होंने नियंत्रण रेखा के पार व्यापार फिर से शुरू करने की भी मांग की, जिसे भारत ने इस रिपोर्ट के बाद रोक दिया था कि इसका इस्तेमाल हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए किया गया और इसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए किया जा रहा था।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महाराष्ट्र में Corona के 9844 नए मामले, 197 और लोगों की मौत