MP Afzal Ansari objectionable comment on Maha Kumbh: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अफजाल अंसारी द्वारा महाकुंभ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि सांसद के खिलाफ बृहस्पतिवार को जिले के शादियाबाद थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 293 (सार्वजनिक उपद्रव) और 353(2) (जान-बूझकर किसी धर्म या जाति के बारे में झूठी जानकारी फैलाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि बिरनों थाना क्षेत्र के बद्धूपुर गांव के रहने वाले देवप्रकाश सिंह ने शादियाबाद थाने में बृहस्पतिवार को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि शादियाबाद चौराहे पर 12 फरवरी को संत रविदास की जयंती पर आयोजित समारोह में सांसद अफजाल अंसारी ने कहा था कि महाकुंभ में नहाने से पाप धुल रहे हैं। लोगों के लिये बैकुंठ का रास्ता खुल रहा है। यानी नरक में अब कोई नहीं जाएगा। स्वर्ग तो हाउसफुल हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक वादी ने अपनी शिकायत में कहा कि अंसारी की इस टिप्पणी से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की डुबकी : दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। यह संख्या भारत और चीन को छोड़कर दुनिया के बाकी देशों की आबादी से ज्यादा है। प्रयागराज में महाकुंभ मेले की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में दावा किया कि यह मानव इतिहास में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन के लिहाज से 'सबसे बड़ा जनसमूह' है।
महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ था और हिंदुओं के बीच पवित्र माने जाने वाले गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम त्रिवेणी संगम के तट पर 26 फरवरी तक चलेगा। इसमें प्रतिदिन भारत और दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। प्रदेश सरकार के अनुसार शुक्रवार को शाम छह बजे तक 92 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, जिससे महाकुंभ में आ चुके कुल श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ को पार कर गई।
अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों की आबादी 50 करोड़ से कम है। सरकार ने कहा कि केवल भारत और चीन की आबादी ही महाकुंभ में आ चुके श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में ज्यादा है। इसके विपरीत अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और ब्राजील जैसे देश काफी पीछे हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala