नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने टीवी पर बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर कथित तौर पर विवादित टिप्पणी करने वालीं भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी का अनुरोध करने वाली याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। इससे पहले न्यायालय ने शर्मा को राहत देते हुए पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के संबंध में देशभर में दर्ज मामलों को दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस. रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में आदेश पारित करने से पहले सावधानी से विचार करना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह भले ही सरल और नुकसान नहीं पहुंचाने वाला लग रहा हो, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। अदालत को निर्देश देते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। हमारी सलाह है कि आप अपनी याचिका वापस ले लें। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
शीर्ष अदालत अधिवक्ता अबू सोहेल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने मामले की स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इससे पहले न्यायालय ने शर्मा को राहत देते हुए पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के संबंध में देशभर में दर्ज मामलों को दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित कर दिया था। टीवी चैनल 'टाइम्स नाऊ' पर 26 मई 2022 को प्रसारित बहस के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में प्राथमिकियां और शिकायतें दर्ज की गई थीं।(भाषा)