नई दिल्ली। अगर आप हाईवे से अकसर सफर करते रहते हैं तो ये खबर खासकर आपके लिए है, क्योंकि सरकार बहुत जल्द फास्टैग व्यवस्था खत्म करने वाली है। निजी चैनल के कॉन्क्लेव में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी स्वयं इसकी घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने टोल-टैक्स वसूलने का दूसरा फॉर्मूला देश की जनता के सामने रखा है जिसके बाद फास्टैग (fastag) की अनिवार्यता पूरी तरह खत्म कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के बाद टैक्स ज्यादा भरने वाली समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी, क्योंकि जिस टेक्नोलॅाजी से इस बार टोल-टैक्स वसूला जाएगा, उससे जितना आप हाईवे पर चले हैं, उतना ही टैक्स आपके अकाउंट से ऑटोमेटिक कट जाएगा। केंद्रीय मंत्री का दावा है कि बहुत जल्द ही जीपीएसयुक्त सिस्टम देश के हाईवेज पर लागू कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सोमवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द ही ऐसी व्यवस्था होगी जिसमें आपको ज्यादा या कम पैसे कटने का सवाल ही खत्म हो जाएगा, क्योंकि नए टोल टैक्स के पायलट प्रोजेक्ट की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। किलोमीटर के अनुसार टोल वसूली का सिस्टम यूरोपीय देशों में कामयाब रहा है। भारत में भी उसी तर्ज पर इसे लागू करने की तैयारी है।
अभी फास्टैग से एक टोल से दूसरे टोल के बीच का पूरा पैसा लिया जाता है, भले ही आप आधी दूरी ही तय कर रहे हों, लेकिन पैसा तो पूरी दूरी का ही देना होता है। इससे टोल महंगा पड़ता है। जर्मनी में यह सिस्टम लागू है। वहां लगभग 99 फीसदी गाड़ियों में नेविगेशन सिस्टम से ही टोल वसूला जाता है।
ये होगा नया सिस्टम : नई टेक्नोलॅाजी के मुताबिक जैसे ही हाईवे या एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी चलनी शुरू होगी, उसके टोल का मीटर ऑन हो जाएगा। अपना सफर खत्म करने के बाद गाड़ी जैसे ही हाईवे से स्लिप रोड या किसी सामान्य सड़क पर उतरेगी, तय दूरी के हिसाब से नेविगेशन सिस्टम पैसा काट लेगा। यह नया सिस्टम भी फास्टैग की तरह होगा, लेकिन पैसा उतना ही लगेगा जितना सफर तय होगा। अभी भारत में तकरीबन 97 फीसदी गाड़ियों में फास्टैग लगा है।