भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में रोकने के लिए सभी विपक्षी दल लगे हुए हैं। लेकिन यह एकजुटता फिलहाल सफल होती नजर नहीं आ रही है। चुनावों से पहले ही विपक्षी दल एक दूसरे के खिलाफ नजर आ रहे हैं। संभवत: भाजपा को भी यह पता है कि विपक्षी दल कभी उसके खिलाफ एकजुट नहीं हो सकते।
हाल ही में उमर अब्दुल्ला ने जो बयान दिया है, उससे ये खाई साफ नजर आ रही है। शनिवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संजोजक केजरीवाल का समर्थन करने को लेकर कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के समय ये लोग कहां थे। अब समर्थन मांगने आ गए हैं, तब ये कहां थे जब 370 हटाई गई।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा,'मैं बार-बार इन लोगों को याद दिलाता हूं कि ये लोग जरूरत पड़ने पर हमारे दरवाजे जरूर खटखटाते हैं, लेकिन 2019 में जब 370 हटाया गया तो ये लोग किधर थे।' उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र की हत्या पर ये लोग चुप रहे। सिर्फ टीएमसी, डीएमके और लेफ्ट की पार्टियों ने हमारा पूरी तरह से साथ दिया। इनके अलावा हमारा साथ किसी ने नहीं दिया।
बता दें कि अध्यादेश को लेकर आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना के सीएम केसीआर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं।
इस दौरान इन सभी नेताओं ने अध्यादेश को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि उनकी पार्टियां राज्यसभा में इसके खिलाफ वोट करेगी। वहीं कांग्रेस ने अभी तक मामले पर अपना रुख साफ नहीं किया है।
Edited by navin rangiyal