MP के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के लिए अपर्याप्त जगह, WII के पूर्व अधिकारी का दावा

Webdunia
रविवार, 30 अप्रैल 2023 (23:11 IST)
भोपाल। Kuno National Park : भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में अफ्रीका से लाए गए चीतों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। केएनपी में एक महीने से भी कम समय में 2 चीतों की मौत हो गई है।

एक अधिकारी ने बताया कि देश में महत्वाकांक्षी चीता पुनर्स्थापन परियोजना की निगरानी कर रहे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने पिछले आठ महीनों में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से केएनपी में स्थानांतरित किए गए 20 चीतों में से दो चीतों की मौत के मद्देनजर सोमवार को नई दिल्ली में एक बैठक बुलाई है।

कुछ वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार एक चीता को 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की आवश्यकता होती है। केएनपी का ‘कोर एरिया’ 748 वर्ग किलोमीटर और बफर जोन 487 वर्ग किलोमीटर है। डब्ल्यूआईआई के पूर्व डीन यादवेंद्रदेव विक्रमसिंह झाला ने बताया कि केएनपी के पास इन चीतों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। झाला पहले चीता पुनर्स्थापन योजना का हिस्सा रह चुके हैं।

उन्होंने कहा, इन चीतों के लिए 750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर्याप्त नहीं है। हमें चीतों की आबादी बढ़ानी भी होगी। इसलिए हमें इन चीतों को देश में तीन-चार जगह रखना बहुत आवश्यक है। झाला ने बताया, कूनो एक संरक्षित क्षेत्र है, लेकिन कूनो में चीता जिस परिदृश्य में रह सकते हैं, वह 5000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें कृषि इलाका, जंगल का इलाका एवं रहवासी क्षेत्र शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि अगर चीता इस माहौल को अपना लेते हैं तो वे केएनपी में फलने-फूलने में सक्षम हो सकेंगे। झाला ने कहा, इसलिए यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि हम इस क्षेत्र के रहवासियों का प्रबंधन कैसे करते हैं, यथा- इन लोगों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ इलाके में इकोटूरिज्म को बढ़ावा देना एवं यह सुनिश्चित करना कि यदि मानव-पशु संघर्ष होता है तो उन्हें उचित रूप से मुआवजा दिया जाए।

चीतों को अन्यत्र बसाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केएनपी के अलावा राजस्थान स्थित मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में भी चीतों को रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश में गांधी सागर अभयारण्य और नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य दो ऐसी जगह हैं, जहां चीतों को रखा जा सकता है।

उन्होंने कहा, इनमें से प्रत्‍येक जगह अपने आप में व्यवहार्य नहीं है। चीतों की एक या दो पीढ़ियों के बाद चीतों को एक जगह से दूसरे जगह स्थानांतरित करने को मेटापॉपुलेशन मैनेजमेंट कहा जाता है ताकि उनमें आनुवंशिक आदान-प्रदान हो और एक ही परिवार से जुड़े नर-मादा चीते आपस में प्रजनन न करें।

उन्होंने कहा, यह एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसके बिना हम अपने देश में चीतों का प्रबंधन नहीं कर सकते। इससे कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश वन विभाग ने केंद्र से केएनपी लाए गए चीतों के लिए संसाधन एवं जगह की कमी का हवाला देते हुए उनके लिए एक वैकल्पिक स्थल की मांग की थी।

प्रदेश के एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया था कि पिछले साल सितंबर से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से दो जत्थों में लाए गए 20 चीतों के रखरखाव के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन (लॉजिस्टिक सपोर्ट) नहीं है।

अधिकारी ने बताया, हमें चौबीस घंटे एक चीते पर नजर रखने के लिए नौ कर्मचारियों की आवश्यकता है। हमारे पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं। चीतों के लिए जगह की कमी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह मुद्दा गौण है, हमें न केवल जगह, बल्कि बहुत सारे संसाधनों की आवश्यकता है।

चीता पुनर्स्थापन परियोजना के तहत सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीतों और इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के केएनपी में स्थानांतरित किया गया था। इन 20 चीतों में से दो चीतों की मौत हो गई है, जिससे इनकी संख्या घटकर 18 हो गई।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India Pakistan Attack News : भारत के हमलों से डरकर बंकर में छिपे पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ

क्या है भारत का S-400 डिफेंस सिस्टम, जिसने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम

या खुदा आज बचा लो, फूट-फूटकर रोने लगा सांसद, Pakistan में Operation Sindoor का खौफ

India Attacks On Pakistan : राजस्थान में जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी JF-17 का पायलट

पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना, मिसाइलों और ड्रोनों से किया हमला, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

सभी देखें

नवीनतम

चीन ने भी किया सीजफायर का समर्थन, पाकिस्तान को लेकर NSA अजीत डोभाल से क्या कहा?

Ceasefire Violation : 4 राज्यों में कई स्थानों पर रातभर रहा ब्लैकआउट, कहां कहां बंद रही लाइटें?

सीजफायर के बाद कच्छ में दिखे ड्रोन, फिर ब्लैक आउट

LIVE: पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, दिल्ली में जारी हुई ट्रैवल एडवाइजरी

सीजफायर पर पाकिस्तान के PM शरीफ ने जताई राहत, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को कहा शुक्रिया

अगला लेख
More