Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

वित्तमंत्री ने स्वीकारी भारतीय रुपए में अभूतपूर्व गिरावट की बात, रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया प्रमुख कारण

हमें फॉलो करें वित्तमंत्री ने स्वीकारी भारतीय रुपए में अभूतपूर्व गिरावट की बात, रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया प्रमुख कारण
, सोमवार, 18 जुलाई 2022 (14:45 IST)
नई दिल्ली। भारतीय रुपए में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अभूतपूर्व गिरावट की बात को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को स्वीकार करते कहा कि इसका कारण रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक कारक, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी एवं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजारों से पूंजी निकासी को बताया। लोकसभा में दीपक बैज और विजय बसंत के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही।
 
उनसे पूछा गया था कि क्या जून 2022 के दौरान भारतीय रुपए में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अभूतपूर्व गिरावट आई है? सीतारमण ने उत्तर में कहा कि जी हां, 30 जून 2022 तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की विनिमय दर 78.94 रुपए प्रति डॉलर थी। वित्तमंत्री द्वारा निचले सदन में पेश किए गए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार 11 जुलाई 2022 को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की विनिमय दर 79.41 रुपए थी।
 
आरबीआई के आंकड़े के अनुसार 31 दिसंबर 2014 में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की विनिमय दर 63.33 रुपए थी। 31 दिसंबर 2015 को प्रति डॉलर विनिमय दर 66.33 रुपए, दिसंबर 2016 में 67.95 रुपए, 29 दिसंबर 2017 को 63.93 रुपए, 31 दिसंबर 2018 को 69.79 रुपए, 31 दिसंबर 2019 को 71.27 रुपए, 31 दिसंबर 2020 को 73.05 रुपए और 31 दिसंबर 2021 को 74.30 रुपए दर्ज की गई।
 
सीतारमण ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक कारक, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और अपेक्षाकृत कठोर वित्तीय स्थितियां- अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए के कमजोर होने का प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन और यूरो जैसी मुद्राएं अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की तुलना में अधिक कमजोर हुई हैं, इसलिए भारतीय रुपया 2022 में इन मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो पूंजी का बाहर निकलना भारतीय रुपए के मूल्य ह्रास का एक प्रमुख कारण है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से लगभग 14 अरब डॉलर की निकासी की है। सीतारमण ने कहा कि नाममात्र विनिमय दर किसी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है। उन्होंने कहा कि किसी मुद्रा के मूल्य ह्रास से निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होने की संभावना रहती है, जो बदले में अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नियमित रूप से विदेशी मुद्रा बाजार की निगरानी करता है और अत्यधिक अस्थिरता की स्थितियों में हस्तक्षेप करता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल के महीनों में ब्याज दरों में वृद्धि की है जिससे निवासियों और अनिवासियों के लिए भारतीय रुपया रखने का आकर्षण बढ़ गया है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वरुण गांधी ने साधा सरकार पर निशाना, कहा- जनता को राहत देने के समय किया जा रहा है आहत