नई दिल्ली। देश को झकझोर देने वाले दिल्ली के निर्भया कांड के चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं। निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले दोषियों में से एक विनय शर्मा को मंडोली जेल से तिहाड़ शिफ्ट किया गया है। इस बीच खबरें आ रही हैं कि तिहाड़ जेल में दोषियों के वजन के रेत के बोरे लटकाकर फांसी की प्रैक्टिस की गई है। खबरों के अनुसार मंगलवार को तिहाड़ के फांसी घर में रंग-रोगन हुआ है। 11 फंदे भी तिहाड़ जेल पहुंच चुके हैं।
दिसंबर 2012 में हुए सनसनीखेज निर्भया कांड में सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में चारों मुजरिमों की मौत की सजा के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। हाईकोर्ट ने चारों को मौत की सजा के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी थी।
6 लोगों ने की थी हैवानियत : 16-17 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में 6 लोगों ने 23 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप कर उसे बुरी तरह से घायल कर सड़क पर फेंक दिया था।
'निर्भया कांड' को अंजाम देने वाले 6 दोषियों में से एक रामसिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। छठा आरोपी नाबालिग था और उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। 3 साल की सजा पूरी करने के बाद उसे सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था।
2 गुनाहगारों ने लगाई माफी की गुहार : दोषियों में एक विनय शर्मा ने फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है। इस दया याचिका पर अब तक राष्ट्रपति भवन की ओर से कोई फैसला नहीं आया है।
हत्यारे में से एक अक्षय कुमार सिंह ने 'मौत की सजा' के फैसले पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए हास्यास्पद तर्क देते हुए दिल्ली के प्रदूषण का सहारा लिया है। उसने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण वैसे ही जानलेवा है तो मुझे फांसी क्यों दे रहे हो? इस तरह के माहौल में फांसी की सजा की जरूरत ही नहीं है।