जम्मू और कश्मीर में टेरर फंडिंग के मामले में एनआईए को अहम सुराग हाथ लगे हैं। सूत्रों की माने तो अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के साइन वाले कैलेंडर में कश्मीर में अशांति और हिंसा फैलाने के सबूत है। इसकी बरामदगी से एक बार फिर पाकिस्तानी हैंडलर्स की मदद से कश्मीर में अशांति और हिंसा फैलाने में अलगाववादियों की भूमिका उजागर हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो एनआईए को छापेमारी में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का हस्ताक्षर किया हुआ हुर्रियत का कैलेंडर हाथ लगा हैं। एनआईए ने यह कैलेंडर अलगाववादी नेता अल्ताफ शाह फंटूश के घर से बरामद किया है। जांच एजेंसी ने जब कैलेंडर की जांच की तो इसमे उन्हें कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर लोगों को भड़काने की साजिश के सबूत मिले।
इससे पहले एनआईए ने रविवार को यहां कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के करीबी एक कारोबारी के घर छापे मारे। एनआईए ने जम्मू एवं कश्मीर की शीतकालीन राजधानी के बक्शी नगर इलाके में देवेंद्र सिंह बहल के घर छापा मारा और उसे हिरासत में लिया है। एनआईए ने कहा कि उसने जम्मू एवं कश्मीर सोशल पीस फोरम (जेकेएसपीएफ) के अध्यक्ष, बहल के आवास व कार्यालय की तलाशी ली। जेकेएसपीएफ गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरवादी धड़े से संबद्ध है।
एनआईए ने एक बयान में कहा है कि तलाशी अभियान के दौरान चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट, कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज और वित्तीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बयान में कहा गया है, 'एनआईए की टीमों द्वारा पूछताछ जारी है।'
इससे एक बार फिर इस बात की पुष्टि हुई है कि हुर्रियत ने कैसे योजनाबद्ध तरीके से घाटी में अशांति और हिंसा फैलाई। बुरहान के एनकाउंटर के बाद घाटी में पत्थरबाजों और सुरक्षाबलों में संघर्ष के दौरान सैकड़ों घायल हुए और कई लोगों की मौत हुई। (एजेंसी)