नई दिल्ली। सेना के जम्मू के निकट नगरोटा शिविर पर 2 साल पहले हुए आतंकवादी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को शनिवार को उस समय बडी कामयाबी मिली, जब उसने पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में कुपवाड़ा के सैयद मुनीर अल हसन कादरी को गिरफ्तार किया।
एनआईए के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अभियुक्त की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 29 नवंबर 2016 को हुए इस हमले में 7 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे और 3 अन्य घायल हुए थे। इस दौरान हुई मुठभेड़ में 3 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे और उनसे भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री और कई अन्य वस्तुएं बरामद की गई थीं।
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि आरंभिक पूछताछ में अभियुक्त ने बताया है कि यह हमला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने किया था और इसी साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी। अभियुक्त ने कहा कि घाटी में रहने वाले जैश के कुछ अन्य सदस्यों के साथ वह पाकिस्तान में बैठे जैश के आकाओं के संपर्क में था।
उसने बताया कि तीनों आतंकवादी हमले से 1 दिन पहले सांबा सेक्टर में घुसे और वह जैश के अन्य सदस्यों के साथ उनसे मिला तथा उन्हें एक होटल में ले गया। इसके बाद उन लोगों ने हमलावरों को नागरोटा शिविर के बाहर छोड़ दिया और घाटी की तरफ चले गए। पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 29 नवंबर 2016 के तड़के सेना के शिविर पर हमला बोला। उस समय शिविर में रहने वाले ज्यादाजर जवान सो रहे थे। अभियुक्त से अभी पूछताछ की जा रही है। (वार्ता)