केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में एक सितंबर से नया सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट लागू करने का फैसला किया था। देश के अधिकांश राज्यों एक सितंबर यानि रविवार से ट्रैफिक नियमों को लेकर बनाया संशोधित कानून लागू भी हो गया है,लेकिन अब लोगों की सुरक्षा के लिए लाया गया ये नया कानून भी सियासत की भेंट चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस शासित राज्यों ने फिलहाल नए कानून को लागू करने से मना कर दिया है।
मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़,पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों में नए मोटर व्हीकल एक्ट को नहीं लागू किया गया है। इन राज्यों की सरकारों ने नए नियम के तहत होने वाले जुर्माने को बहुत अधिक बताकर इसका विरोध किया है।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट में होने वाले जुर्माने को बहुत ज्यादा बताकर इसको फिलहाल प्रदेश में लागू करने से इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि सेंट्रल मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट-2019 का पूरा अध्ययन करेंगे, हमारे लिए जनहित प्राथमिकता है।
पड़ोसी राज्यों का अध्ययन कर,इसका प्रस्ताव बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिए है। समझौता शुल्क को लेकर हमें निर्णय का अधिकार है, आवश्यक होने पर हम जनहित में निर्णय लेंगे। वहीं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के मुताबिक नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने का बहुत ज्यादा बढ़ा दिया गया है जिसको लोग चुका नहीं पाएंगे।
मध्य प्रदेश के साथ ही पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया गया है। नए एक्ट को लागू करने को लेकर सूबे की भूपेश बघेल सरकार मंगलवार को कोई अंतिम फैसला लेगी।
इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने भी भारी जुर्माने वाले नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने से साफ मना कर दिया है। ममता सरकार का कहना हैं कि जुर्माने की राशि इतनी ज्यादा है कि वह आम आदमी की पहुंच से बाहर है।
कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में भी नया मोटर व्हीकल एक्ट को नहीं लागू किया गया है। पंजाब की परिवहन मंत्री रजिया सुल्ताना के मुताबिक नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने के बहुत अधिक प्रावधान से जनता परेशानी होगी इसलिए इसको अभी लागू नहीं किया गया है। इसके साथ ही राजस्थान में नया नियम लागू तो कर दिया गया है लेकिन गहलोत सरकार नए नियम के तहत लगने वाले जुर्माने पर समीक्षा कर रही है।