नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को कथित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में पूर्व लॉबिस्ट नीरा राडिया के साथ नेताओं, कॉर्पोरेट अधिकारियों एवं पत्रकारों की विवादित बातचीत को प्रकाशित करने के लिए एक मीडिया हाउस के खिलाफ एक पत्रकार द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर सुनवाई करने का रास्ता साफ कर दिया।
निचली अदालत में सुनवाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि सीबीआई की विशेष अदालत कथित 2जी घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही थी। सीबीआई अदालत ने 21 दिसंबर, 2017 को सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि मानहानि मामले को संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष तीन फरवरी को सूचीबद्ध किया जाए। न्यायालय ने साथ ही कहा कि मामले की सुनवाई तीन साल से अधिक समय तक स्थगित रही, इसलिए इसकी त्वरित सुनवाई हो और एक साल के भीतर सुनवाई पूरी हो।
मामले के लंबित रहने के दौरान विवादित बातचीत के टेप उच्चतम न्यायालय के पास थे और मीडिया हाउस ने कहा कि मूल टेप को पेश किए बगैर वह मानहानि के इस मामले में अपना बचाव नहीं कर सकेगी। मजिस्ट्रेट अदालत ने जून 2014 में सुनवाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था।
पत्रकार, राडिया के साथ जिनकी बातचीत को समाचार पत्रिकाओं ने भी प्रकाशित किया था, ने मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने को चुनौती दी थी।
2जी मामलों में निचली अदालत द्वारा 21 दिसंबर को दिए गए फैसले का संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि परिस्थितियां बदल गई हैं और अब पत्रकार वीर सांघवी द्वारा दायर याचिका पर दोबारा सुनवाई शुरू किए जाने की जरूरत है। (भाषा)