संदेशखाली मामला : NCW अध्‍यक्ष रेखा शर्मा का दावा, शिकायतें वापस लेने को मजबूर कर रहे TMC कार्यकर्ता

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 10 मई 2024 (23:13 IST)
NCW President Rekha Sharma's claim regarding Sandeshkhali case : तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर अपने पद का दुरुपयोग करने और संदेशखाली मामले के साजिशकर्ताओं में शामिल होने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि वह इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करेगी।
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पार्टी ने कहा है कि कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उन्हें धोखे में रखकर तृणमूल नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज कराईं। इस बीच, एनसीडब्ल्यू ने दावा किया है कि टीएमसी नेता पीड़ित महिलाओं को अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
 
यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाने के लिए उकसाया : पश्चिम बंगाल की मंत्री और पार्टी प्रवक्ता शशि पांजा ने शर्मा के खिलाफ निर्वाचन आयोग का रुख करने की तृणमूल की मंशा की  जानकारी शुक्रवार को दी। पांजा ने आरोप लगाया कि एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने संदेशखाली से जुड़े आरोपों को लेकर ‘राजनीतिक पूर्वाग्रह’ के तहत कार्य किया और क्षेत्र की महिलाओं को यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाने के लिए उकसाया।
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एनसीडब्ल्यू ने निर्वाचन आयोग को लिखे एक पत्र में दावा किया कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर टीएमसी कार्यकर्ता महिलाओं को  अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए ‘मजबूर’ कर रहे हैं। महिला आयोग ने इस मामले में आयोग से जांच की मांग की। महिला आयोग ने कहा, आयोग के संज्ञान में आया है कि संदेशखाली की महिलाओं को टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी  शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि वे पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी हैं।
 
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने फरवरी में संदेशखाली का दौरा करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से  सिफारिश की थी कि महिलाओं पर कथित अत्याचार और संदेशखाली में हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया  जाए।
 
स्थानीय नेता ने कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए : तृणमूल द्वारा गुरुवार को साझा किए गए संदेशखाली की महिलाओं के कई कथित वीडियो में दावा किया गया है कि भाजपा  के एक स्थानीय नेता ने उनसे कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए जिन्हें बाद में यौन उत्पीड़न की शिकायतों का स्वरूप प्रदान कर  दिया गया। इन कथित वीडियो में महिलाओं ने दावा किया है कि स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता पियाली दास ने उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में  व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और वहां एनसीडब्ल्यू टीम के सामने अपनी आपबीती बताने के लिए कहा था।
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महिलाओं ने बाद में आरोप लगाया कि उनका कभी भी यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने का इरादा नहीं था, लेकिन बाद में  उन्हें अपने नाम से शिकायतें देखकर आश्चर्य हुआ जो कि दास द्वारा कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए पन्नों पर लिखकर की गई  थी। एक शिकायत के आधार पर पुलिस ने महिलाओं को झूठी शिकायतें दर्ज कराने के लिए मजबूर करने के आरोप में दास के खिलाफ  प्राथमिकी दर्ज की है।
 
अत्याचार के आरोपों के आधार पर माहौल बनाने की कोशिश : तृणमूल प्रवक्ता ने दावा किया कि भाजपा संदेशखाली में अत्याचार के आरोपों के आधार पर माहौल बनाने की कोशिश कर रही है  और वह इस उद्देश्य के लिए विभिन्न संगठनों का उपयोग करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चुनाव प्रचार के लिए नियमित रूप से पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहा है  लेकिन जमीनी स्तर पर ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर उन्होंने संदेशखाली के बारे में बात करना बंद कर दिया है।
 
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, यह शर्मनाक है कि एनसीडब्ल्यू भाजपा का आयोग बन गया है। हमने  2019 में पुलवामा साजिश के बारे में सुना था और अब हम देख रहे हैं कि भाजपा हमें और राज्य के लोगों को बदनाम करने की  साजिश कैसे रचती है।
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राष्ट्रीय महिला आयोग ने निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि महिलाओं को टीएमसी कार्यकर्ताओं की  धमकी के कारण अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर नहीं होना पड़े। एनसीडब्ल्यू ने दावा किया, टीएमसी पार्टी के कार्यकर्ता संदेशखाली की महिलाओं में डर पैदा कर रहे हैं ताकि पीड़ितों को अपनी  शिकायतों के साथ आगे आने से रोका जा सके, जिससे क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
 
पिछले शनिवार से अब तक एक पोर्टल ने तीन वीडियो जारी किए गए हैं, जिनमें से पहले में संदेशखाली में भाजपा मंडल अध्यक्ष  होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना गया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी ‘पूरी साजिश’ के पीछे थे। दूसरा वीडियो कथित तौर पर उन महिलाओं का है, जिन्होंने पहले दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी।
 
फर्जी वीडियो प्रसारित करने का आरोप : वीडियो में दावा किया गया  है कि उनसे भाजपा नेताओं द्वारा एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए और पुलिस थाने जाने के लिए मजबूर किया गया। तीसरे वीडियो में बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और संदेशखाली प्रदर्शनकारी रेखा पात्रा को यह दावा करते हुए  दिखाया गया है कि वह बलात्कार पीड़ितों को नहीं जानती हैं जिन्हें राष्ट्रपति से मिलने के लिए दिल्ली ले जाया गया था। टीएमसी के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने इसे निराधार करार दिया और उन पर (टीएमसी) फर्जी वीडियो प्रसारित करने का आरोप लगाया।
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भाजपा के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, टीएमसी चुनाव से पहले विमर्श बदलने के लिए फर्जी वीडियो का इस्तेमाल कर रही है। टीएमसी को एनसीडब्ल्यू या संदेशखाली की महिलाओं की गरिमा का जरा भी ख्याल नहीं है। जारी किए गए सभी वीडियो फर्जी हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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