Naxalite group issued statement regarding encounter in Chhattisgarh : प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़े समूह ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर 16 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के कांकेर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 29 नक्सलियों में से 27 के नाम बताए।
नक्सलियों के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पुलिस अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय माओवादी कैडर के लिए हिंसा को छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए मुख्यधारा में शामिल होने का यह सबसे बेहतर समय है। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़े समूह क्रांतिकारी आदिवासीमहिला संगठन की प्रवक्ता रामको हिचामी के नाम से जारी बयान को बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर साझा किया गया।
राज्य के कांकेर जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत कलपर गांव के करीबजंगल में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 15 महिला नक्सलियों समेत 29 माओवादियों को मार गिराया था। इस घटना में सुरक्षाबलों के तीन जवान भी घायल हुए थे। अपने एक पृष्ठ के बयान में माओवादियों ने दावा किया कि कुछ मृत नक्सलियों के गलत नाम प्रचारित किए जा रहे हैं, इसलिए संगठन मारे गए नक्सलियों के नाम जारी कर रहा है।
बयान में मारे गए 27 नक्सलियों के नाम हैं और कहा गया है कि शेष दो नक्सलियों के बारे में विवरण उपलब्ध नहीं है। सूची में वारंगल जिले के निवासी डिविजनल कमेटी सदस्य शंकर का नाम है लेकिन डिविजनल कमेटी सदस्य ललिता का नाम नहीं है। पुलिस ने इस मुठभेड़ में ललिता के भी मारे जाने का दावा किया है।
माओवादियों के बयान के बारे में पूछे जाने पर बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि यह दर्शाता है कि माओवादियों के वरिष्ठ नेताओं ने निचले स्तर के नक्सलियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है।
सुंदरराज ने कहा, इससे पहले यह देखा गया है कि भाकपा माओवादी की केंद्रीय समिति/क्षेत्रीय ब्यूरो स्तर के नेता हर मुद्दे पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करते थे। कल पर मुठभेड़ में माओवादी नेतृत्व एक प्रेस नोट जारी करने के लिए भी खुद को संगठित नहीं कर सका और स्थानीय कैडर को उसके हाल पर छोड़ दिया।
उन्होंने कहा, मजबूरी में क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन ने स्थानीय नक्सलियों के मनोबल को सांत्वना देने के लिए एक प्रेस नोट जारी किया है। सुंदरराज ने कहा, स्थानीय कैडरों को कम से कम अब बाहरी शीर्ष माओवादी नेतृत्व के वास्तविक और क्रूर चेहरे का एहसास हो जाना चाहिए, जो दशकों से उनका शोषण कर रहा है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, स्थानीय कैडर के लिए हिंसा को छोड़कर शांतिपूर्ण और सार्थक जीवन जीने के लिए मुख्यधारा में शामिल होने का यह सबसे बेहतर समय है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मारे गए 29 में से नौ नक्सलियों की अब तक पहचान कर ली है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour