Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

नवजोत सिद्धू 30 साल पुराने हत्‍याकांड मामले में बरी, सिर्फ 6 हजार रुपए जुर्माना

हमें फॉलो करें नवजोत सिद्धू 30 साल पुराने हत्‍याकांड मामले में बरी, सिर्फ 6 हजार रुपए जुर्माना
, मंगलवार, 15 मई 2018 (12:06 IST)
चंडीगढ़। पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के 30 साल पुराने गैर इरादतन हत्याकांड मामले में उच्‍चतम न्‍यायालय ने आज फैसला सुनाते हुए उन्‍हें बरी कर दिया। न्‍यायालय ने उन्‍हें केवल मामूली मारपीट का दोषी मानते हुए 6 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इससे पंजाब की राजनीति में हलचल तेज हो गई और सिद्धू के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।


खबरों के मुताबिक, पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के 30 साल पुराने गैर इरादतन हत्याकांड मामले में उच्‍चतम न्‍यायालय ने आज फैसला सुनाते हुए उन्‍हें बरी कर दिया। न्‍यायालय ने केवल उन्‍हें मामूली मारपीट का दोषी मानते हुए उन पर जुर्माना लगाया है, जिससे समर्थकों में खुशी की लहर है।

इससे पूर्व उच्‍चतम न्‍यायालय में जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने 18 अप्रैल को सुनवाई के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। इस मामले में सिद्धू ने दावा किया था कि गुरनाम सिंह की मौत का कारण विरोधाभासी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी कारण स्पष्ट नहीं कर पाई। सिद्धू इस समय पंजाब सरकार में पर्यटन मंत्री हैं। इस मामले में दोषी ठहराए गए सिद्धू के साथी रुपिंदर सिंह संधू ने भी अपील कर रखी थी। संधू को भी हाईकोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है।

उल्‍लेखनीय है कि 1988 में पटियाला में कार पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह के साथ सिद्धू का विवाद हो गया था और सिद्धू पर आरोप लगा था कि इस दौरान हाथापाई तक हुई और बाद में गुरनाम सिंह की अस्‍पताल में मौत हो गई थी। उस समय सिद्धू अमृतसर से भाजपा के सांसद थे और उनको लोकसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा देना पड़ा था। इसके बाद हुए उपचुनाव में सिद्धू ए‍क बार फिर अमृतसर से सांसद चुने गए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भाजपा की कर्नाटक विजय में दिखा उप्र के योगी आदित्यनाथ का जलवा, मोदी के बाद सबसे प्रभावी भाजपा प्रचारक