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'स्वच्छता ही सेवा' अभियान की प्रधानमंत्री ने की शुरुआत, अमिताभ और रतन टाटा से की बात...

हमें फॉलो करें 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान की प्रधानमंत्री ने की शुरुआत, अमिताभ और रतन टाटा से की बात...
, शनिवार, 15 सितम्बर 2018 (10:07 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'स्वच्छता के लिए सेवा' को 'ईश्वर की सेवा' के समान बताते हुए शनिवार को कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में पिछले चार वर्ष में जितना काम हुआ, उतना पिछले 60-65 वर्ष में नहीं हो पाया। प्रधानमंत्री ने 'स्वच्छता ही सेवा' पहल की शुरुआत करने और नरेन्द्र मोदी ऐप एवं वीडियो लिंक के माध्यम से स्वच्छाग्रहियों से बात भी की।


मोदी ने अमिताभ बच्चन और उद्योग‍पति रतन टाटा से भी बात की। प्रधानमंत्री ने संवाद करते हुए कहा कि कोई ये सोच सकता था कि भारत में चार वर्ष में करीब नौ करोड़ शौचालयों का निर्माण हो जाएगा? क्या किसी ने ये कल्पना की थी कि चार वर्ष में लगभग 4.5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे?

उन्होंने कहा कि क्या किसी ने कल्पना की थी कि चार वर्ष में 450 से ज्यादा जिले खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे? क्या किसी ने कल्पना की थी कि चार वर्ष में 20 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे?
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उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्ष में स्वच्छता के क्षेत्र में इतनी प्रगति हुई है जितनी 60-65 वर्ष में भी नहीं हुई। मोदी ने कहा कि यह भारत और भारतवासियों की ताकत है। यह लोगों के योगदान से हो पाया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आम लोगों के साथ ही अभिनेता अमिताभ बच्चन, उद्योगपति रतन टाटा, आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु, श्रीश्री रविशंकर, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की।

उन्होंने कहा कि सिर्फ शौचालय बनाने भर से भारत स्वच्छ हो जाएगा, ऐसा नहीं है। टॉयलेट की सुविधा देना, कूड़ेदान की सुविधा देना, कूड़े के निस्तारण का प्रबंध करना, ये सभी सिर्फ माध्यम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता एक आदत है जिसको नित्य के अनुभव में शामिल करना पड़ता है। ये स्वभाव में परिवर्तन का यज्ञ है जिसमें देश का जन-जन, आप सभी अपनी-अपनी तरह से योगदान दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अस्वच्छता, गंदगी विशेष तौर पर गरीबों के जीवन को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, उसे बीमारी के दलदल में धकेल देती है। डायरिया जैसी अनेक बीमारियों का सीधा संबंध गंदगी से है। ये बीमारियां लाखों जीवन हमसे छीन लेती हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का संतोष होना चाहिए कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते डायरिया के मामलों में बहुत कमी आई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साफ-सफाई के प्रति जनजागरण एक बात है लेकिन जो कचरा हम पैदा करते हैं, उसका निपटान हमारे रास्ते का एक बड़ा रोड़ा है। ऐसे में कचरा प्रबंधन को हमें और प्रभावी बनाना होगा। उन्होंने कहा कि वे इस अभियान के लिए मीडिया को धन्यवाद देते हैं, जिनके प्रयास न सिर्फ जागरूकता तक सीमित रहे, बल्कि इसको रोज़गार सृजन का भी माध्यम बनाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आईटीबीपी के जवानों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि देश को आपकी, सेना के जवानों की जहां भी ज़रूरत पड़ती है आप सबसे पहले हाज़िर रहते हैं। उन्होंने कहा कि 'सीमा पर दुश्मनों से मोर्चा लेना हो, बाढ़ के संकट से निपटना हो, हर बार आपने देश को ऊपर रखा है। अब स्वच्छता के लिए आपका यह योगदान भी देश को गौरवान्वित कर रहा है। सच में स्वच्छता के लिए सेवा, ईश्वर की सेवा के समान है। (भाषा)

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