नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर से 'स्वच्छता ही सेवा आंदोलन' के शुभारंभ की बुधवार को घोषणा की तथा इस आंदोलन को दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि बताया।
प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में सभी से 'स्वच्छता ही सेवा आंदोलन' का हिस्सा बनने और 'स्वच्छ भारत' बनाने के प्रयासों को मजबूत करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, 15 सितम्बर को सुबह 9.30 बजे हम एक साथ आएंगे और 'स्वच्छता ही सेवा आंदोलन' की शुरुआत करेंगे।
उन्होंने कहा, मैं उन लोगों के साथ बातचीत करना चाहता हूं, जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को मजबूत करने के लिए जमीन पर दृढ़ता से काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार दो अक्टूबर को पूज्य बापू की जयंती का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह उनकी 150वीं जयंती का अवसर होगा साथ ही स्वच्छ भारत अभियान को 2 अक्टूबर को पूरे चार साल हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चार साल पहले ही 2 अक्टूबर को गांधीजी की जयंती के अवसर पर 'स्वच्छ भारत अभियान' की शुरुआत की गई थी। उन्होंने कहा, 'स्वच्छ भारत मिशन' ने स्वच्छ भारत के बापू के सपने को पूरा करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक जन आंदोलन के 4 साल पूरे किए हैं। मैं उन सभी को सलाम करता हूं जिन्होंने स्वच्छ भारत के लिए काम किया। सवा सौ करोड़ देशवासियों ने मिलकर पूज्य बापू के सपने को पूरा करने के लिए एक जन आंदोलन प्रारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बापू का ही आशीर्वाद है कि बीते 4 साल में सभी भारतवासी स्वच्छ क्रांति के दूत बन चुके हैं। देश के हर कोने में समाज के हर वर्ग के लोगों ने स्वच्छ भारत के उनके सपने को पूरा करने के लिए जो भी कर सकते हैं, वह सब किया। उन्होंने सबकी भागीदारी की भी प्रशंसा की और कहा कि देशभर में 8.5 करोड़ शौचालय बनकर तैयार हो गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया कि आज 90 फीसदी भारतीयों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। इससे पहले केवल 40 फीसदी लोगों के पास ये सुविधा थी। आज भारत के सवा चार लाख से भी अधिक गांव, 430 जिले और 2800 नगर, शहर और कस्बे और 19 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शौचालय के उपयोग से 3 लाख मासूमों का जीवन बचने की संभावना जताई है। मोदी ने कहा कि 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक बहुत ही विशाल स्तर पर 'स्वच्छता ही सेवा' कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। (भाषा)