नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आने के बाद अब तक विदेशों से 24 प्राचीन और एंटीक वस्तुएं वापस अपने देश लाने में कामयाब हुई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा यह जानकारी एक आरटीआई के तहत प्राप्त हुई है। यह आरटीआई पीटीआई के एक संवाददाता ने लगाई थी, जिसके जवाब के बाद यह आंकड़े सामने आए हैं। हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इस बात का खुलासा नहीं कर सका कि यह वस्तुएं किस तरह से देश से बाहर ले जाई गई थीं।
इन मूर्तियों में चोल शासकों के समय की श्रीदेवी की धातु की मूर्ति और मौर्य काल की टेराकोटा की महिला की मूर्ति भी है। इसके अलावा, इन मूर्तियों में बाहुबली और नटराज की भी एक-एक प्रतिमाएं शामिल हैं।
आरटीआई से यह बात सामने आई है कि कुल 24 प्राचीन वस्तुओं में से 16 अमेरिका से, 5 ऑस्ट्रेलिया से और एक-एक कनाडा, जर्मनी और सिंगापुर से लाई गई हैं। अमेरिका से वापस लाई गई वस्तुओं में तिमालनाडु के चोल वंश की श्रीदेवी की प्रतिमा और बाहुबली की धातु की प्रतिमा शामिल है। आरटीआई की मानें तो 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से अब तक यानी 2017 तक इन देशों ने अपनी इच्छा से ही ये प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटा दी हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार अभी भी प्राचीन काल की 13 ऐसी एंटीक वस्तुएं हैं, जिन्हें स्विटजरलैंड समेत अन्य दूसरे देशों से भारत में लाया जाना बाकी है। सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि मोदी सरकार उन एंटीक वस्तुओं को भारत में वापस लाने पर जोर दे रही है, जिन्हें यहां से चुरा कर विदेशों में ले जाया गया था। (एजेंसी)