अल्पसंख्यकों के लिए नवोदय विद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे : नकवी

Webdunia
सोमवार, 22 मई 2017 (13:09 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि अल्पसंख्यकों की अच्छी-खासी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में 100 नवोदय विद्यालय जैसे स्कूल खोले जाएंगे, साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के 5 शिक्षण संस्थानों की स्थापना की जाएगी जिसके साल 2018 से काम करना शुरू करने की उम्मीद है।
 
नकवी ने साक्षात्कार में कहा कि मोदी सरकार ने बिना तुष्टिकरण के अल्पसंख्यकों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक सशक्तीकरण एवं विकास का बेहतरीन कार्य किया है। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अल्पसंख्यकों की अच्छी-खासी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में 100 नवोदय विद्यालय जैसे स्कूल खोले जाएंगे। 
 
अल्पसंख्यक कार्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों को बेहतर से बेहतर शिक्षा संस्थानों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना और उनका कौशल विकास मोदी सरकार की प्राथमिकता है। मंत्रालय अल्पसंख्यकों को बेहतर पारंपरिक एवं आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के 5 शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर रहा है।
 
उन्होंने कहा कि तकनीकी, मेडिकल, आयुर्वेद, यूनानी सहित विश्वस्तरीय कौशल विकास की शिक्षा देने वाले संस्थान देशभर में स्थापित किए जाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस संदर्भ में 10 जनवरी 2017 को गठित एक उच्च स्तरीय कमेटी शिक्षण संस्थानों की रुपरेखा-स्थानों आदि के बारे में अपनी रिपोर्ट जल्द ही सौंपने वाली है। हमारी कोशिश है कि यह शिक्षण संस्थान 2018 से काम करना शुरू कर दें। इन शिक्षण संस्थानों में 40 प्रतिशत आरक्षण लड़कियों के लिए किए जाने का प्रस्ताव है।
 
उन्होंने कहा कि कोई भी गरीब शिक्षा से वंचित न रहे इसके लिए हम ‘तहरीक-ए-तालीम’ शुरू कर रहे हैं जिसके तहत हम शिक्षा के संसाधन एवं सुविधा का हर क्षेत्र में व्यापक जाल बिछाएंगे। तहरीक-ए-तालीम की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिन 15 अक्टूबर को देश के 100 जिलों में किया जाएगा।
 
नकवी ने कहा कि इसके अलावा पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष पर देशभर के हुनर के उस्तादों के सम्मान में ‘उस्ताद सम्मान समागम’ की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि 3-ई एजुकेशन (शिक्षा), एम्प्लॉयमेंट (रोजगार), एम्पॉवरमेंट (सशक्तीकरण) के माध्यम से अल्पसंख्यक मंत्रालय ने गरीब, पिछड़े एवं समाज के कमजोर वर्ग के अल्पसंख्यकों को प्रगति की मुख्य धारा का हिस्सेदार-भागीदार बनाने में बड़ी कामयाबी हासिल की है।
 
नकवी ने कहा कि ‘बिना तुष्टिकरण के सशक्तीकरण’ की नीति से अल्पसंख्यकों में विश्वास के साथ विकास का माहौल तैयार हुआ है। पिछले 3 वर्षों के दौरान अल्पसंख्यक मंत्रालय ने अल्पसंख्यकों की बेहतर शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार पर केंद्रित योजनाओं या कार्यक्रमों को जरूरतमंद लोगों तक ईमानदारी के साथ पहुंचाया है। 
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गरीब नवाज कौशल विकास केंद्र, उस्ताद, नई मंजिल, नई रोशनी, सीखो और कमाओ, पढ़ो परदेस, प्रोग्रेस पंचायत, हुनर हाट, बहुउद्देशीय सद्भाव मंडप, प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम, बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम, बेगम हजरत महल छात्रा- छात्रवृत्ति सहित अन्य विभिन्न योजनाओं या कार्यक्रमों से हर जरूरतमंद अल्पसंख्यक की आंखों में खुशी और जिंदगी में खुशहाली सुनिश्चित करने का प्रभावी प्रयास किया गया है।
 
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तीकरण के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में काफी वृद्धि की है। 2017-18 के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 4,195 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यह पिछले बजट के 3,800 करोड़ रुपए के मुकाबले 368.23 करोड़ रुपए यानी 9.6 प्रतिशत अधिक है।
 
नकवी ने कहा कि जहां 2012-13 में अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट 3,135 करोड़ रुपए, 2013-14 में 3,511 करोड़ रुपए था वहीं 2014-15 में 3,711 करोड़ रुपए और 2015-16 में 3,713 करोड़ रुपए था।
 
उन्होंने कहा कि बजट में बढ़ोतरी से अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तीकरण की योजनाओं में मदद मिली है। वर्ष 2017-18 के बजट में से लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा विभिन्न शैक्षिक सशक्तीकरण एवं रोजगारपरक योजनाओं पर खर्च किया जाएगा।
 
मंत्री ने कहा कि पिछले 3 वर्ष में 1.82 करोड़ छात्रों को 4740 करोड़ रुपए की छात्रवृति दी है। सभी छात्रवृति सीधे छात्रों को उनके बैंक खातों में दी गई है जिससे किसी भी प्रकार के घपले या गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रही। इस अवधि में 5.2 लाख से ज्यादा युवाओं को विभिन्न कौशल विकास की योजनाओं के तहत रोजगारपरक ट्रेनिंग एवं रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए हैं जिसमें 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं।
 
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि 3 टी- टीचर, टिफिन, टॉयलेट से पिछले 3 महीनों में ही हजारों स्थानीय अल्पसंख्यक स्कूलों एवं मदरसों को जोड़ा गया है। इन अल्पसंख्यक संस्थानों में गुरुद्वारों, जैन संस्थानों, बौद्ध संस्थानों, पारसी संस्थानों एवं मुस्लिम इदारों द्वारा चलाए जा रहे संस्थान भी शामिल हैं। 
 
उन्होंने कहा कि बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में ढांचागत विकास किया गया है। 2014 के बाद अभी तक 33 डिग्री कॉलेज खोले गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि जहां प्रोग्रेस पंचायत पहल ‘सबका साथ सबका विकास’ और ‘अंत्योदय’ के संकल्प को पूरा करने का मजबूत मिशन साबित हुई हैं वहीं हुनर हाट योजना अल्पसंख्यक वर्गों के उस्ताद, कारीगरों एवं शिल्पकारों को हौसला, बाजार-मौका मुहैया कराने का बड़ा अभियान साबित हुआ है।
 
नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’ की कामयाबी के बाद अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हर राज्य में ‘हुनर हब’ बनाने का फैसला किया है। इस संबंध में विभिन्न राज्य सरकारें स्थान उपलब्ध कराने आगे आई हैं। अगला ‘हुनर हाट’ पुडुचेरी, मुंबई, लखनऊ, बेंगलुरु, कोलकाता, गुवाहाटी, अहमदाबाद, जयपुर में आयोजित किए जाएंगे।
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान से जुड़ते हुए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने अपनी सभी योजनाओं को ऑनलाइन किया है यहां तक कि इस वर्ष से पहली बार हज की संपूर्ण प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया गया है। हज मोबाइल एप भी पेश किया गया है। (वार्ता)
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