Terrorists ready to infiltrate into Kashmir : पाक परस्त आतंकी एक बार फिर कश्मीर में सुरक्षाबलों के लिए मुसीबत के तौर पर सामने आने लगे हैं। सुरक्षाधिकारियों ने यह कहकर चौंकाया है कि उस पार से 300 से ज्यादा आतंकी इस ओर आने को प्रतीक्षारत हैं, जो कम बर्फबारी के कारण किसी भी समय परेशानी का सबब बन सकते हैं, जबकि यह भी चिंता का सबब है कि कश्मीर में एक्टिव अधिकतर आतंकी पीर पंजाल एरिया में शिफ्ट हो चुके हैं, जहां से वे अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करने को प्रयासरत हैं।
कश्मीर रेंज के बीएसएफ के इंस्पेक्टर जनरल अशोक यादव ने दावा किया कि खुफिया सूचनाएं हैं कि 250-300 आतंकवादी लांचपैड पर इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमने और सेना ने सभी संवेदनशील इलाकों पर कब्जा कर लिया है और सतर्क हैं।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ और सेना के बहादुर जवान सीमावर्ती इलाकों में सतर्क हैं और घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम कर देंगे। यादव ने आगे कहा कि हम घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम करने को लेकर आश्वस्त हैं।
इस बीच अधिकारियों ने माना है कि ऊंचे इलाकों में विदेशी और स्थानीय आतंकवादियों से निपटने और सर्दियों के दौरान उनकी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लगातार प्रयासों के बावजूद आतंकवादी कश्मीर में आतंक भड़काने के लिए नई रणनीति तैयार कर रहे हैं।
पुलिसकर्मियों को चुनिंदा रूप से निशाना बनाने के अलावा आतंकवादियों ने कश्मीर में सुरक्षाबलों की कार्रवाई के मद्देनजर अपनी गतिविधियों को पीर पंजाल के दक्षिण में स्थानांतरित कर दिया है, जिससे राजौरी और पुंछ जिलों में आतंकवाद फिर से शुरू हो गया है। इससे जम्मू-कश्मीर पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने की परेशान करने वाली प्रवृत्ति फिर से बढ़ गई है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस इंस्पेक्टर मंसूर अहमद को 29 अक्टूबर को श्रीनगर के ईदगाह में क्रिकेट खेलते समय गोली मार दी गई थी। डीजीपी स्वैन ने 7 दिसंबर को इंस्पेक्टर मसरूर अहमद की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा था कि फुरसत के पल का आनंद ले रहे एक पुलिसकर्मी पर कायरतापूर्ण हमला पाकिस्तान के इशारे पर काम करने वाले आतंकवादी नेटवर्क द्वारा कायम की गई शातिर मानसिकता की याद दिलाता है।
अधिकारियों के बकौल, भले ही जम्मू-कश्मीर में पिछले छह वर्षों में आतंकवादी घटनाओं में समग्र रूप से गिरावट देखी गई है, 2023 में अब तक की सबसे कम संख्या दर्ज की गई है, सरकार आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति जारी रखे हुए है, पर आतंकवाद फिर से फन उठाने के भरसक प्रयास कर रहा है।