नई दिल्ली। बहुप्रतीक्षित दक्षिण-पश्चिम मानसून आखिरकार मंगलवार की सुबह दिल्ली पहुंच गया, जिससे भीषण गर्मी से लोगों को कुछ राहत मिली। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 19 सालों में मानसून इस बार दो सप्ताह से अधिक देरी से दिल्ली पहुंचा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून दिल्ली सहित देश के शेष हिस्सों, उत्तरप्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में आगे बढ़ गया है। इस तरह दक्षिण-पश्चिम मानसून 8 जुलाई की सामान्य तिथि के मुकाबले 13 जुलाई को पूरे देश में छा गया है।
विभाग ने 13 जून को पूर्वानुमान जताया था कि मानसून अपनी सामान्य तिथि से लगभग दो सप्ताह पहले आएगा। हालांकि, वास्तव में, मानसून अपनी सामान्य तिथि के लगभग दो सप्ताह बाद दिल्ली पहुंचा।
मौसम विभाग को इस साल दिल्ली में मानसून के आगे बढ़ने की भविष्यवाणी करने में मुश्किल हुई थी। कई पूर्वानुमानों के बाद आईएमडी ने सोमवार को माना, मानसून के अनुमान में गणितीय मॉडल की इस तरह की नाकामी दुर्लभ और असामान्य है। विभाग ने इससे पहले कहा था कि मानसून तय तिथि से 12 दिन पहले, 15 जून को दिल्ली पहुंचेगा लेकिन हवाओं की स्थिति से इसका आगमन प्रभावित हुआ।
जून की शुरुआत में मौसम कार्यालय ने कहा था कि मानसून के दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में 7 जुलाई तक आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो जाएंगी। बाद में उसने कहा कि दिल्ली में मानसून की पहली बारिश 10 जुलाई के आसपास होगी।
मौसम विभाग ने शनिवार को एक बार फिर पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए कहा कि अगले 24 घंटों में मानसून राजधानी में पहुंच सकता है। लेकिन इसने शहर को रविवार को इंतजार कराया और सोमवार को भी बारिश नहीं हुई।
मंगलवार को आखिरकार जब मानसून दिल्ली पहुंचा तो सफदरजंग वेधशाला ने सुबह 8:30 से शाम 5:30 बजे के बीच 28.1 मिमी बारिश दर्ज की। इस अवधि के दौरान मौसम केन्द्रों पालम (8.2 मिमी), लोदी रोड (37.8 मिमी), रिज (11.4 मिमी), और आयानगर (8.6 मिमी) में बारिश दर्ज की गई।
15 मिमी से नीचे दर्ज की गई बारिश को हल्की माना जाता है, 15 से 64.5 मिमी के बीच मध्यम, 64.5 मिमी और 115.5 मिमी के बीच भारी, 115.6 और 204.4 के बीच बहुत भारी माना जाता है जबकि 204.4 मिमी से ऊपर की बारिश को अत्यधिक भारी बारिश माना जाता है।
मंगलवार की बारिश के कारण हालांकि शहर के कुछ हिस्सों में जलभराव हो गया और यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई। धौला कुआं में भारी यातायात जाम था। आईएमडी के आंकड़े के अनुसार मानसून 2012 में 7 जुलाई को और 2006 में 9 जुलाई को राजधानी में पहुंचा था। वर्ष 2002 में, दिल्ली में 19 जुलाई को मानसून की पहली बारिश हुई थी। शहर में 1987 में सबसे देरी से 26 जुलाई को मानसून पहुंचा था।
आमतौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। पिछले साल 25 जून को मानसून दिल्ली पहुंचा था और 29 जून तक पूरे देश में छा गया था। इस बार मानसून दिल्ली में सबसे अंत में आया है। सोमवार को मानसून दिल्ली को तरसता छोड़कर अपने आखिरी पड़ाव राजस्थान के जैसलमेर और गंगानगर जिलों तक पहुंच गया था।
राजस्थान के ही रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में मानसून सामान्य तारीख से करीब दो हफ्ते पहले ही पहुंच गया था। एक निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के महेश पलावत ने कहा कि मानसून ने दिल्ली में कमजोर शुरुआत की और अगले तीन दिनों में शहर में केवल हल्की बारिश का अनुमान है। (भाषा)