नई दिल्ली। इस मानसून के दौरान ला नीना का प्रभाव तटस्थ रहेगा, जिसके कारण इस साल सामान्य बारिश की उम्मीद बढ़ गई है। ला नीना प्रभाव को प्रशांत महासागर में ठंडी मौसमी परिस्थिति से जोड़कर देखा जाता है। अल-नीनो के विपरीत ला नीना को मानसून के लिए अच्छा माना जाता है।
अलनीनो प्रभाव प्रशांत महासागरीय धारा में तापमान में वृद्धि से जुड़ा है और इसका नकारात्मक असर होता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने बताया, फिलहाल ला नीना मंद है और मानसून शुरू होने के दौरान यह तटस्थ रहेगा। मौसम के दौरान यही स्थिति बनी रहेगी।
राजीवन ने कहा कि हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) प्रभाव से हिंद महासागर की धारा गर्म होती है और इसके सकारात्मक रहने की उम्मीद है। हालांकि उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि क्या मानसून सामान्य रहेगा। राजीवन ने कहा, सामान्य मानसून का पूर्वानुमान देते समय कई मानकों को देखना पड़ता है। (भाषा)