Mohan Bhagwat's big statement : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि सनातन धर्म भारत के साथ एकरूप है और देश की संस्कृति इस पर आधारित है। भागवत ने कहा कि सनातन कभी समाप्त नहीं होता और यह शाश्वत है। उन्होंने कहा कि यह पहले भी अस्तित्व में था, आज भी अस्तित्व में है और भविष्य में भी अस्तित्व में रहेगा।
द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन के पिछले महीने की विवादास्पद टिप्पणी की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए भागवत ने कहा कि यह कहना कि इसे नष्ट कर दिया जाना चाहिए, स्वयं को नुकसान पहुंचाने जैसा है। स्टालिन ने दावा किया था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसका उन्मूलन कर दिया जाना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा, हमें इसी सनातन के साथ जीना है। ये सनातन भारत के साथ एकरूप है। भागवत हरियाणा के रोहतक में बाबा मस्तनाथ मठ में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है, ये अपने राष्ट्र के साथ एकरूप है। उन्होंने कहा, हमारी संस्कृति सनातन पर आधारित है। हमारे धर्म के मूल्य सनातन पर आधारित हैं। आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि सनातन कभी समाप्त नहीं होता और यह शाश्वत है। उन्होंने कहा कि यह पहले भी अस्तित्व में था, आज भी अस्तित्व में है और भविष्य में भी अस्तित्व में रहेगा।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, योग गुरु रामदेव, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे एवं राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा और देशभर से आए साधु-संत शामिल थे। हिसार जिले के खंडा खेरी गांव में एक अन्य कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि पूरी दुनिया ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का पालन किया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया मुश्किल परिस्थितियों से गुजर रही है और परिवार बिखर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही, कलियुग में भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी अच्छी है। आरएसएस प्रमुख खंडा खेरी में भारत मित्र पिलर का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।
भारत मित्र पिलर का उद्घाटन भाजपा नेता और हरियाणा के पूर्व मंत्री अभिमन्यु के पिता दिवंगत मित्रसेन आर्य की याद में बनाया गया है। संघ प्रमुख ने कहा कि यह स्तंभ भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है तथा लोग खासकर नवयुवकों को इसे देखने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत की सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जानना चाहिए।
भागवत ने कहा कि मित्रसेन आर्य जैसे लोगों ने समाज और देश को आगे ले जाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, हमारी नई पीढ़ी को मूल्यों, संस्कृति और सभ्यता से जोड़ने के लिए हमें मित्रसेन के पदचिह्नों पर चलना चाहिए।
रोहतक के कार्यक्रम में दुनिया के कुछ हिस्सों में संघर्ष का जिक्र करते हुए, योगी आदित्यनाथ ने कहा, पूरी दुनिया में यदि विश्व शांति की कोई गारंटी हो सकती है तो वह केवल सनातन धर्म और भारत ही हो सकता है और कोई नहीं। योगी ने कहा कि यही कारण है कि जब दुनिया में संकट होता है तो हर देश भारत की ओर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर बड़ी आशा से देखता है।
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि भारत उनके लिए आशा ला सकता है और इस आशा के पीछे जब 140 करोड़ भारतीय एकसाथ आते हैं तो यह पूरी दुनिया के लिए ताकत बन जाती है। योगी ने कहा, हम सभी जानते हैं कि नाथ संप्रदाय देश की सनातन धर्म परंपरा का वाहक है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का उल्लेख करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो असंभव था, आज भारत ने उसे संभव कर दिखाया है।
उन्होंने कहा कि जिनको अविश्वास था वो भूलकर भी राम जन्मभूमि का नाम नहीं लेना चाहते थे, हालांकि जिनकी सनातन धर्म में आस्था थी, वे मानते थे कि उनका काम कर्म करना है, बाकी सब ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए। इससे पहले बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने रोहतक में बाबा मस्तनाथ मठ में महंत श्री चांदनाथ योगी की प्रतिमा का अनावरण किया था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)