शांति के लिए भारत हर योगदान को तैयार, जर्मन चांसलर शोल्ज के साथ बैठक में बोले मोदी

दोनों नेताओं ने यूक्रेन, पश्चिम एशिया में संघर्ष को बताया चिंता का विषय

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024 (18:38 IST)
Prime Minister Narendra Modi and German Chancellor Scholz hold talks: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष चिंता का विषय है और भारत शांति बहाली के लिए हर संभव योगदान देने को तैयार है। उनकी टिप्पणी जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ हुई बातचीत के बाद आई, जिसमें उन्होंने भारत से यूक्रेन में लंबे समय से चल रहे संघर्ष का राजनीतिक समाधान खोजने में योगदान देने का आह्वान किया।
 
मोदी ने जर्मन चांसलर के साथ 7वें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के बाद कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष हम दोनों के लिए चिंता के विषय हैं। भारत का हमेशा मत रहा है कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता और शांति की बहाली के लिए भारत हर संभव योगदान देने को तैयार है। ALSO READ: पीएम मोदी बोले, भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह सही समय
 
UNSC में सुधार पर जोर : मोदी ने कहा कि वह और शोल्ज इस बात पर सहमत हैं कि 20वीं सदी में स्थापित वैश्विक मंच 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित विभिन्न बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है।
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Welcomed my friend, Chancellor Scholz, to my residence in New Delhi.

Glad to be meeting him and discussing a diverse range of issues that will add momentum to the India-Germany friendship. Our nations have a strong track record of developmental cooperation and we look forward to… pic.twitter.com/c6spNi4VDk

— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2024 >
इससे पहले, आईजीसी की शुरुआत करते हुए भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी ऐसे समय में मजबूत सहारे के रूप में उभरी जब दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता का सामना कर रही है। आईजीसी बैठक में भाग लेते हुए मोदी ने कहा कि भारत-जर्मनी के संबंध आदान-प्रदान के संबंध नहीं बल्कि दो सक्षम और मजबूत लोकतंत्रों की परिवर्तनकारी साझेदारी है। ALSO READ: जर्मनी का आधा मंत्रिमंडल इस समय भारत में
 
दुनिया में अनिश्चितता : मोदी ने कहा कि दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। इस समय में, भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत सहारे के रूप में उभरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शोल्ज की भारत की तीसरी यात्रा है जो भारत तथा जर्मनी के बीच दोस्ती के ‘ट्रिपल जश्न’ को चिह्नित करता है।
 
उन्होंने कहा कि 2022 में बर्लिन में पिछले आईजीसी में हमने अपने द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। दो वर्षों में, हमारे सामरिक संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है। रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है जो आपसी विश्वास के प्रतीक बन गए हैं। प्रधानमंत्री ने जर्मनी द्वारा घोषित ‘फोकस ऑन इंडिया’ रणनीति का भी स्वागत किया।
 
महत्वपूर्ण पहल : मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि अपनी साझेदारी को विस्तार देने और बढ़ाने के लिए हम कई नई और महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं और ‘संपूर्ण सरकार’ से पूरे राष्ट्र के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं। आईजीसी एक द्विवार्षिक कवायद है और पिछली बार इसका आयोजन मई 2022 में बर्लिन में किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर के बीच बैठक में जर्मन-भारतीय हरित और सतत विकास साझेदारी (जीएसडीपी) पर सहमति बनी थी। आईजीसी की शुरुआत 2011 में की गई थी। इसमें सहयोग की व्यापक समीक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच जुड़ाव के नए क्षेत्रों की पहचान की जाती है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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