Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भारत से क्यों नाखुश है रूस, इसका यूक्रेन से है कनेक्शन

हमें फॉलो करें Narendra Modi_Vladimir Putin
webdunia

राम यादव

Why is Russia unhappy with India : भारत के लिए यह गर्व की बात है कि रक्षा सामग्रियों का न केवल स्वदेशी उत्पादन ही, बल्कि उनका निर्यात भी तेज़ी से बढ़ रहा है। अन्य देशों से आयात पर निर्भरता उसी अनुपात में कम हो रही है। उदाहरण के लिए चालू वित्त वर्ष 2024–25 की पहली तिमाही में भारतीय रक्षा सामग्रियों के निर्यात में 78 प्रतिशत की वृद्धि देखने में आई है। वित्त वर्ष 2017 के बाद से भारत का रक्षा निर्यात 12 गुना से भी अधिक हो गया है। 
 
2024 के अप्रैल से जून तक के केवल तीन महीनों में भारतीय रक्षा सामग्रियों का निर्यात 69.15 अरब रुपए (करीब 830 करोड़ अमेरिकी डॉलर के बराबर) तक पहुंच गया, जबकि 2023 की पहली तिमाही में वह 38.85 अरब रुपए (466 करोड़ अमेरिकी डॉलर के बराबर) था। वित्त वर्ष 2023-2024 भी 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर भारतीय रक्षा सामग्रियों के निर्यात का एक रिकॉर्ड वर्ष साबित हुआ।
 
यह सब भारत के लिए तो बड़ी खुशी की बात है, किंतु समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट का कहना है कि भारत के सबसे परम मित्र रूस के लिए गोला-बारूद जैसी भारतीय रक्षा सामग्रियों का बढ़ता हुआ निर्यात चिंता का विषय बन रहा है। रूस को शिकायत है कि उसके द्वारा जताई गई बार-बार की आपत्तियों के बावजूद भारतीय गोला-बारूद, यूरोपीय ग्राहकों के माध्यम से यूक्रेन में पहुंच रहा है। यूक्रेन उनका उपयोग रूस के विरुद्ध युद्ध में कर रहा है। यही नहीं, यूक्रेन पहुंच रही इन भारतीय सामग्रयों की मात्रा भी तेज़ी से बढ़ती जा रही है।
webdunia
रॉयटर्स के अनुसार, रूसी अधिकारियों की शिकायत है कि उनके बार-बार कहने के बावजूद इन हस्तांतरणों को रोकने के लिए भारत की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। भारतीय निर्माताओं द्वारा यूरोपीय ग्राहकों को बेचा गया गोला-बारूद, यूरोपीय ग्राहक जल्द ही यूक्रेन भेज देते हैं। यूक्रेन उनका उपयोग रूस के साथ चल रहे युद्ध में रूस के विरुद्ध करता है। भारत इसे रोकने के लिए कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। 
  
भारत के निर्यात अधिनियम वास्तव में केवल घोषित खरीदारों को ही रक्षा सामग्री बेचने की अनुमति देते हैं। लेकिन कुछ यूरोपीय देश अपने ख़रीददारों द्वारा उन्हें यूक्रेन भेजे जाने से रोकते-टोकते नहीं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यूक्रेन को भारतीय गोला-बारूद की आपूर्ति करने वाले यूरोपीय देशों में इटली और चेक गणराज्य भी शामिल हैं।

अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारत के रक्षा विशेषज्ञ अरज़ान तारापोर ने रॉयटर्स से कहा कि भारत अपने हथियारों के निर्यात का विस्तार करने के लिए प्रयत्नशील है। यूरोपीय बिचौलियों के माध्यम से यूक्रेन को भारतीय हथियार मिलने का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। भारत और रूस के बीच बहुत लंबे समय से घनिष्ठ और बहुमुखी संबंध हैं।
 
भारत अपनी ज़रूरत के 60 प्रतिशत से अधिक हथियार रूस से ही आयात करता है। कुछ प्रेक्षकों का मानना है कि यूरोपीय ग्राहकों को भेजे गए अपने गोला-बारूद का यूक्रेन पहुंचना भारत यदि रोक नहीं रहा है, तो इसके पीछे एक सोची-समझी विदेश नीति हो सकती है, यह कि भारत अपने पश्चिमी साझेदारों को दिखाना चाहता है कि वह रूस-यूक्रेन संघर्ष में आंख मूंदकर रूस के साथ नहीं है। दिल्ली के फैसलों पर मॉस्को का प्रभाव उतना अधिक नहीं होता, जितना पश्चिमी देश मानते हैं, भले ही अवसरवादी पश्चिमी देशों की खुशी के लिए अपने भरोसेमंद साथी रूस को भारत नाराज़ भी नहीं करना चाहेगा।
 
भारत ने इस बीच रॉयटर्स की इस रिपोर्ट का खंडन किया है कि यूरोपीय देशों के रास्ते से भारतीय गोला-बारूद यूक्रेन पहुंच रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने एक वक्तव्य में कहा कि रिपोर्ट भारत द्वरा एक ऐसे उल्लंघन की बात कर रही है, जो हुआ ही नहीं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

विदेश मंत्री जयशंकर की संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस व महासभा अध्यक्ष यांग से मुलाकात