नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में बहुचर्चित फेरबदल एवं विस्तार के पहले शुक्रवार रात केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के बीच गहन विचार मंत्रणा हुई। बताया जा रहा है कि राजनाथ के घर हुई इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि देश का अगला रक्षामंत्री कौन होगा?
जेटली ने भी गुरुवार को संकेत दिया था कि वह रक्षा मंत्री का पद नहीं रखना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार जिन मंत्रियों को हटाया जा रहा है, उनकी जगह लेने वालों नामों को तय कर लिया गया है लेकिन रक्षा मंत्री के पद को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है।
बैठक के बाद किसी भी नेता ने मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी है। समझा जाता है कि रक्षा मंत्रालय के बारे में फैसला करने के लिए प्रधानमंत्री के कहने पर सरकार के वरिष्ठतम मंत्री विचार विमर्श के लिए मिले थे।
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक अहम बैठक हो रही है जिसमें भाजपा सहित करीब तीन दर्जन संगठन भाग ले रहे हैं। इस बैठक में राष्ट्रीय प्रतिरक्षा एवं सुरक्षा परिदृश्य को लेकर चर्चा होनी है। इस बैठक में जेटली और सिंह भी भाग लेंगे। समझा जाता है कि बैठक में इसकी तैयारी के बारे में भी विचार विमर्श किया गया।
उल्लेखनीय है कि तीन सितंबर सुबह 10 बजे मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होना है। इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी सूचित कर दिया गया है। अब तक छह मंत्री संजीव बालियान, राजीव प्रताप रूडी, महेंद्र नाथ पांडेय, फग्गन सिंह कुलस्ते, कलराज मिश्र और बंडारू दत्तात्रेय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके हैं।
गिरिराज सिंह, कलराज मिश्र, उमा भारती, चौधरी बीरेन्द्र सिंह और निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री को त्यागपत्र देने की पेशकश की है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी बीते सप्ताह दो दुर्घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की थी जिस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें प्रतीक्षा करने को कहा है। (वार्ता)