नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पेंशन नियमों में बदलाव कर केंद्रीय लोकसेवा (पेंशन) नियम-1972 में संशोधन किया है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय लोकसेवा (पेंशन) नियम-1972 में संशोधन पर मुहर लगा दी है। नए नियम को मंजूरी मिलने के बाद 7 साल से कम की सेवा के दौरान अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तब भी उसका परिवार 10 साल तक बढ़ी हुई पेंशन का हकदार होगा।
सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, 'ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी मृत्यु एक अक्टूबर 2019 तक 10 साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले हो जाती है और उन्होंने लगातार सात साल तक का सेवाकाल पूरा नहीं किया है तब भी उनके परिजन उप नियम (3) के तहत बढ़ी हुई दर पर पेंशन के हकदार होंगे।'
अब तक बढ़ी हुई पेंशन के लिए कम से कम 7 साल की सेवा जरूरी थी। यानी, 7 साल की सेवा के बाद ही किसी कर्मचारी का परिवार बढ़ी हुई पेंशन का हकदार होता था, जो उसके आखिरी वेतन का 50 फीसद होता है।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने बयान में कहा, 'सरकार का मानना है कि पारिवारिक पेंशन की बढ़ी दर किसी सरकारी कर्मचारी के अपने करियर की शुरुआत में मृत्यु होने की स्थिति में अधिक जरूरी है, क्योंकि तब उसका वेतन भी कम होगा। इसके मद्देनजर सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है।