नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कोरोना काल के कारण पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को दोबारा गति प्रदान करने के लिए गुरुवार को आत्मनिर्भर 3.0 पैकेज योजना की घोषणा की और कोरोना काल में जिनकी नौकरी चली गई थी उनके लिए 'आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना' का ऐलान किया गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां यह घोषणा करते हुए कहा कि इस नए पैकेज में 12 योजनाओं की घोषणाएं की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। अक्टूबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.05 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान कर दिया है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है ताकि नए रोजगार का सृजन हो सके।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने भी तीसरी तिमाही में ही अर्थव्यवस्था के सकारात्मक गति पकड़ने का संकेत दिया है। शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर है। एफपीआई का निवेश भी सकारात्मक रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। रेलवे में माल ढुलाई में 20 फीसदी वृद्धि हुई है। इसी क्रम में बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई।
वित्तमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाए गए कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है। इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है। आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीएस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभ उठाया है और अब इस स्कीम की अवधि 31 मार्च 2021 तक बढ़ाई जा रही है। इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं और 2.05 लाख करोड़ रुपए के कर्ज की मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने सक्रियता और तेजी दिखाते हुए 1.32 लाख करोड़ रुपए का रिफंड दिया है। मोबाइल विनिर्माण और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए पहले की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन की घोषणा की जा चुकी है और बुधवार को 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपए की पीएलआई की घोषणा की गई है।
वित्तमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाए गए कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है। इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है। (वार्ता)