नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज कर्मचारियों के भत्तों के बारे में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 34 संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी। इससे केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। कर्मचारियों का बढ़ा हुआ भत्ताएक जुलाई से लागू होगा। इससे सरकारी खजाने पर 30,748 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
संशोधन भत्तों पर गठित समिति (सीओए) की सिफारिशों पर आधारित है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से सरकारी खजाने पर 29,300 करोड़ रुपए का बोझ पड़ता लेकिन सरकार के संशोधनों से इसमें 1,448 करोड़ रुपए वार्षिक का अतिरिक्त बोझ और पड़ेगा।
केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने एचआरए बढ़ाने के साथ ही पेंशनरों का मेडिकल अलाउंस 500 से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया है। इससे सरकार पर 30 हजार 748 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने वित्त सचिव अशोक लवासा के नेतृत्व में जुलाई 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने यह रिपोर्ट 27 अप्रैल को वित्त मंत्री को जमा की थी।
जेटली ने कहा कि सातवें वेतन आयोग ने 53 तरह के भत्तों को बंद करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इनमें से 12 भत्तों को जारी रखने का निर्णय किया है। इससे विभिन्न विभागों, मंत्रालयों के एक लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ होगा।
आयोग ने कैशियर, साइकिल, मसाले, फ्लाइंग स्क्वाड, हेयरकट, धुलाई, साबुन, वर्दी, सतर्कता जैसे भत्तों को बंद करने या विलय करने की सिफारिश की थी।
अशोक लवासा की अगुवाई वाली समिति ने 27 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी। 28 अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने कहा कि कुछ भत्तों जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और विशिष्ट कर्मचारी वर्गों पर लागू हैं, उनमें संशोधन का सुझाव दिया गया है। लवासा समिति द्वारा विशिष्ट कर्मचारी श्रेणियों में रेलवे, डॉक्टर, वैज्ञानिक, रक्षाकर्मी और नर्स को शामिल किया गया।