नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रियों रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Bittu) और जॉर्ज कुरियन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को मंगलवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। नामांकन वापस लेने की समय सीमा अपराह्न 3 बजे समाप्त होने के बाद विजयी घोषित किए गए अन्य उम्मीदवारों में भाजपा नेता किरण चौधरी (हरियाणा), ममता मोहंता (ओडिशा) और मनन कुमार मिश्रा (बिहार) शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मौजूदा सदस्यों के हाल में लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के कारण रिक्त हुई 12 सीट पर उपचुनाव की घोषणा की गई थी। 4 उम्मीदवारों भाजपा के धैर्यशील पाटिल और राकांपा के नितिन पाटिल (दोनों महाराष्ट्र से), तथा रामेश्वर तेली और मिशन रंजन दास (दोनों असम से) - को सोमवार को विजयी घोषित किया गया था।
इस प्रकार 11 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं लेकिन त्रिपुरा से राज्यसभा सीट के लिए विजेता का फैसला तीन सितंबर को मतदान से होगा। भाजपा की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्य का मुकाबला राज्य से माकपा के पूर्व विधायक सुधन दास से है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उच्चतम न्यायालय के वकील अभिषेक सिंघवी को मंगलवार को तेलंगाना से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य चुने गए हैं। विधानसभा के प्रमुख सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी महावीर प्रसाद शर्मा ने मंगलवार को राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी रवनीत सिंह को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया।
शर्मा ने निर्वाचित प्रत्याशी रवनीत सिंह के अधिकृत निर्वाचन अभिकर्ता एवं उनकी ओर से प्रमाण-पत्र लेने के लिए अधिकृत योगेन्द्र सिंह तंवर को प्रमाण-पत्र प्रदान किया।
तय कार्यक्रम के अनुसार राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 27 अगस्त थी। इस चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। इनमें से भाजपा के प्रतिस्थापन (डमी) उम्मीदवार सुनील कोठारी ने अपना नामांकन शुक्रवार को वापस ले लिया। निर्दलीय प्रत्याशी बबीता वाधवानी का नामांकन पत्र बृहस्पतिवार को जांच के दौरान रद्द हो गया। इसके बाद उपचुनाव में भाजपा के रवनीत सिंह ही एकमात्र प्रत्याशी बचे थे और उनका निर्विरोध चुना जाना तय था। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस उपचुनाव में उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया था।
राजस्थान से कांग्रेस के के. सी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद इस्तीफा देने से रिक्त सीट पर उपचुनाव कराना आवश्यक था। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के उम्मीदवार जॉर्ज कुरियन को निर्वाचन अधिकारी ने मध्यप्रदेश से उपचुनाव में राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया।
भाजपा ने 20 अगस्त को कुरियन को मध्यप्रदेश से राज्यसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था। यह सीट जून में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई थी। कुरियन के अलावा, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह एवं एक अन्य ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। सिंगरौली के रहने वाले सिंह ने भाजपा के 'डमी' उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
एक अधिकारी ने कहा कि दो अन्य प्रत्याशियों में से एक का नामांकन पत्र जांच के दौरान खारिज कर दिया गया तथा सिंह ने अंतिम दिन (27 अगस्त) को अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसके कारण कुरियन का शेष कार्यकाल (2026 तक) के लिए राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्विरोध निर्वाचन हो गया।
हरियाणा से एक राज्यसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के वास्ते मंगलवार को अपराह्न तीन बजे नामांकन वापस लेने की समयसीमा समाप्त हो गई जिसके बाद भाजपा की किरण चौधरी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। हरियाणा की पूर्व मंत्री चौधरी ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था और एकमात्र उम्मीदवार होने की वजह से उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
उपचुनाव में विजयी उम्मीदवार को निर्वाचन अधिकारी साकेत कुमार ने अपराह्न चार बजकर 33 मिनट पर हरियाणा विधानसभा सचिवालय में प्रमाण पत्र दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली भी मौजूद थे।
ओडिशा में भाजपा की उम्मीदवार ममता मोहंता ने राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की।
मोहंता ने जुलाई में बीजू जनता दल (बीजद) छोड़ दी थी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसी कारण से राज्यसभा का उपचुनाव जरूरी हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने तक किसी अन्य उम्मीदवार के मैदान में नहीं होने के कारण मोहंता को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
विपक्षी दलों बीजद और कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। हालांकि, भाजपा ने जगन्नाथ प्रधान को 'डमी उम्मीदवार' के तौर पर मैदान में उतारा था, लेकिन उन्होंने समय सीमा समाप्त होने से पहले ही अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया जिससे मोहंता के फिर से चुनाव जीतने का रास्ता साफ हो गया। परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विधानसभा में मोहंता को बधाई दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्र को मंगलवार को बिहार से राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
कुशवाहा एवं मिश्र को राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र सौंपे जाने के समय उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के प्रमुख और राज्य सरकार में मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल समेत सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई नेता उपस्थित थे।
राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद कुशवाहा एवं मिश्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास जाकर उनसे शिष्टाचार मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने दोनों नवनिर्वाचित सांसदों को जीत की बधाई दीं। इन दोनों उम्मीदवारों द्वारा 21 अगस्त को नामांकन पत्र दाखिल करने के समय बिहार विधानसभा सचिवालय में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा सहित राजग के कई शीर्ष नेता मौजूद थे।
कुशवाहा ने 'एक्स' पर लिखा कि राज्यसभा की सदस्यता के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने के उपरांत आज पुनः मुझे संसद के गौरवशाली उच्च सदन में जाने का अवसर मिला है। यह अवसर मुझे देश को विकसित राष्ट्र और बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने में अपना और अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा का योगदान सुनिश्चित करने के लिए मिला है। राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर (भाजपा) और मीसा भारती (राजद) के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण राज्यसभा की दो सीट पर यह उपचुनाव कराया गया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta