नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने मातहत राज्य मंत्री एमजे अकबर पर उनके पत्रकारीय जीवन के दौरान दो महिला पत्रकारों के यौन शोषण किए जाने के आरोपों पर मंगलवार को चुप्पी साध ली।
विदेश मंत्रालय में 'इंडिया फॉर ह्यूमेनिटी' पहल का शुभांरभ किए जाने के मौके पर कार्यक्रम समाप्त होने के बाद संवाददाताओं ने जब सोशल मीडिया में चल रहे '#MeToo' अभियान में विदेश राज्य मंत्री अकबर पर आरोपों के बारे में पूछा तो स्वराज बिना कुछ कहे चलीं गईं।
बाद में सूत्रों ने बताया कि यह मामला अकबर के मंत्री के रूप में व्यवहार से जुड़ा नहीं है और न ही इसका मंत्रालय से कोई लेना-देना है। चूंकि यह मामला पूरी तरह से व्यक्तिगत है इसलिए सबको लगता है कि इस बारे में अकबर ही कुछ बोल सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अकबर का बयान आने के बाद ही विदेश मंत्री कुछ बोल सकती हैं।
यौन शोषण का लगा है आरोप : अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में एक महिला पत्रकार ने आपबीती बताई थी, जिसके मुताबिक उसके बॉस ने उसे होटल के कमरे में उसे जॉब इंटरव्यू के लिए बुलाया था।
हार्वे विन्सिटन्स ऑफ द वर्ल्ड नाम से लिखे पोस्ट में कहा कि अकबर ने होटल के कमरे में उनका इंटरव्यू लिया और उन्हें शराब पीने की पेशकश की। उन्होंने बिस्तर पर उनके पास बैठने को कहा। पोस्ट में कहा गया कि अकबर अश्लील फोन कॉल्स, मैसेज और असहज टिप्पणी करने में माहिर हैं। अकबर ने हिन्दी गाने भी गाए थे। अकबर कई अखबार और पत्रिकाओं में संपादक रह चुके हैं।