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सैनिक शिविरों में बनेंगे वॉच टावर, जवान देंगे पहरा

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सुरेश एस डुग्गर

जम्मू। जम्मू कश्मीर में अब सैनिक शिविरों के आसपास घूमना खतरे से खाली नहीं होगा क्योंकि सैनिक शिविरों के आसपास दिखाई पड़ने वाले संदिग्ध व्यक्तियों को गोली मारने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। आतंकियों के बढ़ते आत्मघाती हमलों के दृष्टिगत ऐसा किया गया है। हालांकि इसके साथ ही सैनिक शिविरों की सुरक्षा को चाकचौबंद करने के लिए जो निर्णय लिए गए हैं उनमें वॉच टावरों को बनाए जाने तथा उन पर फ्लड लाइटों को साथ चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मियों को तैनात किए जाने की तैयारी की जा रही है।
 
 
आतंकवादियों के आत्मघाती हमलों को रोकने के लिए जम्मू कश्मीर में सुरक्षा प्रतिष्ठानों तथा संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा प्रबंध अपनाए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। हाल ही के आत्मघाती हमलों में आई तेजी के मद्देनजर ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। ताजा निर्देशों के अंतर्गत जो सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं वे विशेषकर सेना के शिविरों, ब्रिगेड मुख्यालयों, पुलिस तथा अर्द्ध सैनिक बलों के शिविरों के लिए तत्काल तौर पर लागू किए जा रहे हैं।
 
 
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्रालय तथा रक्षा मंत्रालय की ओर से जो ताजा निर्देश राज्य में सक्रिय सुरक्षाधिकारियों व पुलिस महानिदेशक को जारी किए गए हैं उनमें यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा गया है कि सुरक्षा शिविरों व मुख्यालयों के आसपास ऐसे सुरक्षा प्रबंध किए जाने चाहिए, जिन्हें लांघ कर फिदायीन किसी सुरक्षा शिविर, मुख्यालय या फिर चौकी के पास भी न फटकने पाएं और संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी चेतावनी के गोली भी मार दी जाए।
 
 
निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक सुरक्षा चौकी, मुख्यालय तथा सुरक्षा शिविरों के आसपास के तीन सौ मीटर तक के क्षेत्र को पूरी तरह से साफ किया जाएगा और वहां कांटेदार तार लगाई जाएगी। जहां ईंटों की ऊंची दीवारों नहीं हैं वहां उनको तत्काल रूप से निर्मित किया जाए तथा उन्हें रेत के बोरों से सहारा दिया जाए, ताकि फिदायीन राइफल ग्रेनेडों या फिर रॉकेटों से इन सभी को भेद्य नहीं पाएं।
 
 
रक्षा सूत्रों ने बताया कि नए सुरक्षा प्रबंधों को बहुस्तरीय रखा गया है। पहले स्तर में सबसे बाहर सुरक्षा शिविर या सुरक्षा चौकी के चारों ओर बंदूकधारी गार्डों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर तैनात किया जाएगा और उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें रेत के बोरों के बंकर बनाकर दिए जाएंगे।
 
सुरक्षा शिविरों के लिए की जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था का दूसरा स्तर भी इसी तरह का होगा जो पहले स्तर के काफी भीतर होगा। नए निर्देशों के तहत प्रत्येक बंकर या संतरी चौकी पर दो से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा, ताकि आतंकवादी हमले का डटकर मुकाबला किया जा सके। साथ ही वॉच टावरों का निर्माण किया जाएगा जिन पर चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मियों द्वारा पहरा दिया जाएगा और उनके पास फ्लड लाइटें भी होंगी जो रात के समय आसपास के क्षेत्र पर नजर रखने में काम आएंगी।
 
 
बताया जाता है जम्मू कश्मीर में चल रहे विद्युत संकट पर भी रक्षा मंत्रालय ने गहरी चिंता प्रकट की है। बिजली की आपूर्ति न होने की स्थिति में इन शिविरों आदि को जनरेटरों का इस्तेमाल करने के लिए भी कहा गया है तथा बिजली न होने की स्थिति में सुरक्षा गार्डों के पास सर्च लाइटों को रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। वैसे रक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिया है कि वे सुरक्षा शिविरों तथा मुख्यालयों को बिजली की आपूर्ति में कोई कटौती न करें।
 
 
फिदायीनों से निपटने के लिए जो सबसे चौंकाने वाले निर्देश जारी किए गए हैं, वह है उन ‘पकड़ो और मारो’ के साथ-साथ फिदायीनों के खात्मे के लिए महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण तीन मंजिला इमरातों को भी ढहा दिया जाए, अगर उसमें फिदायीन घुस कर शरण लेते हैं। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में होने वाले कई फिदायीन हमलों में सुरक्षाबलों ने उन इमारतों को उड़ा दिया था, जहां फिदायीन घुसे थे।

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