नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को कई स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के कुछ घंटे बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और उन्होंने अपना काम ईमानदारी से किया। सिसोदिया ने कहा कि यदि ईडी अधिकारी उनके यहां आते हैं तो उन्हें बस कुछ विद्यालयों के मानचित्र मिलेंगे।
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले में सिसोदिया एवं कुछ नौकरशाहों को बतौर आरोपी नामजद किया गया है। यह नीति अब वापस ले ली गई है। दिल्ली के शिक्षा विभाग का भी प्रभार संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि यदि ईडी अधिकारी उनके यहां आते हैं तो उन्हें बस कुछ विद्यालयों के मानचित्र मिलेंगे।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा कि मेरे पास (छिपाने के लिए) कुछ नहीं है। मैंने अपना काम ईमानदारी से किया है। मैंने विद्यालयों का निर्माण किया है और यदि (ईडी आती है) तो उसे कुछ और विद्यालयों के मानचित्र मिलेंगे।
अधिकारियों के अनुसार इस मामले में दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तरप्रदेश एवं कर्नाटक में करीब 30 परिसरों की तलाशी ली जा रही है और नामजद व्यक्तियों (के परिसरों) पर छापा मारा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसमें सिसोदिया या किसी अन्य सरकारी सेवक के परिसर शामिल नहीं हैं।
ईडी ने आबकारी मामले में सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत जांच शुरू की है। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में इस मामले में सिसोदिया एवं 14 अन्य को नामजद आरोपी बनाया है।
सीबीआई ने इस मामले में 19 अगस्त को यहां सिसोदिया (50), आईएएस अधिकारी एवं दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त ए. गोपी कृष्ण के निवासों तथा 7 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल नीत सरकार में सिसोदिया के पास आबकारी एवं शिक्षा समेत कई विभागों की जिम्मेदारी है।(भाषा)