Manipur Violence : मणिपुर के इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिन्होंने उसे जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती को मजबूत बनाने और संवेदनशील क्षेत्रों में किसी भी कमी को दूर करने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया।
आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा कि गृह मंत्री के अनुरोध के मद्देनजर समूह जातीय हिंसा के शिकार कुकी-ज़ो समुदाय से संबंधित लोगों के शवों को दफनाने के लिए लोगों से परामर्श करके एक वैकल्पिक स्थान तय करेगा।
बयान में कहा गया कि यह बैठक मणिपुर में जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के शवों को दफनाने के मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए तीन अगस्त, 2023 को भारत सरकार की ओर से जारी अपील के मद्देनजर आयोजित की गई। आईटीएलएफ नेताओं के अनुरोध पर सरकारी रेशम उत्पादन फार्म में (मणिपुर) उद्योग विभाग की भूमि शवों को दफनाने के लिए आवंटित की जा सकती है।'
बयान के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि उक्त भूमि का उपयोग आईटीएलएफ और अन्य हितधारकों के परामर्श से केवल एक सामान्य सार्वजनिक उद्देश्य के लिए किया जाएगा।
भारत सरकार ने प्रतिनिधिमंडल से अनुरोध किया कि वह उसी स्थान पर शवों को दफनाने पर जोर न दे, जो उसके अंतर्गत आता है। सरकार ने चुराचांदपुर के डीसी के परामर्श से एक वैकल्पिक स्थान की पहचान करने और जल्द से जल्द शवों को दफनाने के लिए कहा है।
बयान में कहा गया कि इंफाल में शवों की पहचान और उन्हें मृतकों के गृहनगर तक पहुंचाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी।
आईटीएलएफ ने इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री को दिए ज्ञापन में कहा था कि उन्होंने शवों को दफनाने की प्रकिया पांच और दिन के लिए टालने संबंधी शाह के अनुरोध पर कई पक्षकारों के साथ काफी विचार विमर्श किया। यह ज्ञापन 27 सेक्टर, असम राइफल्स मुख्यालय के जरिए भिजवाया गया।
आईटीएलएफ के नेता पड़ोसी राज्य मिजोरम की राजधानी आइजोल से होते हुए दिल्ली पहुंचे। शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में उनके साथ बैठक के लिए आईटीएलएफ को निमंत्रण दिया था, ताकि मणिपुर की स्थिति पर विचार-विमर्श किया जा सके।
मणिपुर में मई की शुरुआत में कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें तब से अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। भाषा Edited By : Sudhir Sharma